बावड़ी के पीछे प्रशासन बावला, एक घंटे में खाली कराया मकान: भीषण ठंड में सड़क पर आ गया परिवार

संभल,जनमुख न्यूज। संभल में मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद से शहर हर दिन चर्चा में है। प्रशासन हिंसा के बाद सामने आई 150 साल पुरानी बावड़ी की खुदाई को लेकर प्रशासन जिस प्रकार बावला नजर आ रहा है उसने मानवता के को भी ताक पर रख दिया है। बावड़ी की खुदाई के दौरान उसके कुछ हिस्से पर मकान की बात सामने आई जिसे लेकर शुक्रवार को शाम ६ बजे नोटिस चस्पा की २४ घंटे का समय दिया। लेकिन एक घंटे बाद ही अधिकारी टीम के साथ पहुंचे और परिवार से मकान खाली करवा दिया। मजदूरों ने रात में ही मकान का एक हिस्सा गिरा दिया। अभी मौके पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं।
प्रशासन की ओर से परिवार के लिए कोई वैक्लपिक इंतजाम नहीं किए जाने चलते कड़ाके की ठंड में परिवार सड़क पर बैठा रहा। मकान गिरते देख महिलाएं एक दूसरे से लिपटकर रोने लगीं। और कहा कि हमारे साथ बहुत जुल्म हो रहा, इतनी ठंड में हम कहां जाएंगे। मुस्लिम परिवार ने 2017 में जमीन खरीदकर मकान बनवाया था।
वहीं कार्रवाई को लेकर डीएम का कहना है कि बावड़ी पर अतिक्रमण करके मकान बनवाया गया। इनका बैनामा भी फर्जी है। जलाशय क्षेत्र में मकान का निर्माण नहीं करवाया जा सकता।
तीव्र गति से हुई मकान खाली कराने की कार्रवाई
दावा किया जा रहा है कि बावड़ी का प्रवेश द्वार मकान के नीचे आ रहा था। इस पर नगर पालिका परिषद ने शुक्रवार शाम पांच बजे मकान स्वामिनी गुलनवाज बी को 24 घंटे में मकान खाली करने का नोटिस चस्पा किया। लेकिन महज एक घंटे बाद एसडीएम निधि पटेल और तहसीलदार धीरेंद्र सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। जेसीबी मशीन भी बुलाई गई और मकान खाली करने के लिए सख्त आदेश दिए गए। और प्रशासन की ओर से बुलाए गए मजदूरों ने मकान के दूसरे तल को तोड़ने का काम भी शुरु कर दिया।
गुलनवाज बी के बेटे शाकिब ने बताया कि उनके पिता ने 2017 में यह मकान बनवाया था। वह कारपेंटर का काम करते हैं और उनकी मां सिलाई से परिवार का गुजारा करती हैं। अब मकान छिनने के बाद उनके पास कोई ठिकाना नहीं है। परिवार ने प्रशासन से आर्थिक मदद की मांग की है।

मकान का बैनामा गलत
नगर पालिका के अधिकारियों के पहुंचने के कुछ देर बाद ही डीएम भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कहा कि जांच में पाया गया कि मकान का बैनामा गलत है। मकान स्वामी को 20-25 दिन पहले इस बारे में जानकारी दी गई थी, और उन्होंने स्वयं मकान तोड़ने की बात कही थी। डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत परिवार का नाम पात्रता सूची में शामिल कर लिया गया है। डीएम ने कहा कि नक्शे के मुताबिक बावड़ी का क्षेत्रफल 400 वर्ग मीटर में है, इसलिए इसके दोनों ओर की सड़कों को भी बावड़ी में शामिल करते हुए दीवारें खड़ीं कराई जाएं। इसके साथ ही दो मंजिला मकान के नीचे जहां तक बावड़ी की दीवार हो, वहां तक इस मकान को तोड़ा जाए। देर रात तक तहसील और पालिका प्रशासन की मौजूदगी में तोड़फोड़ का काम चलता रहा। डीएम ने कहा कि बावड़ी को जल्द ही सुंदर रूप देने का कार्य शुरू किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि 21 दिसंबर को लक्ष्मण गंज इलाके में प्लाट की खुदाई के दौरान ये प्राचीन बावड़ी सामने आई थी. इसके बाद लगातार यहां खुदाई का काम चल रहा है. अभिलेखों की मानें तो ४०० वर्ग मीटर में बनी बावड़ी के ऊपर केवल 210 वर्ग मीटर का प्लाट ही खाली पड़ा था। इसलिए प्रशासन ने बावड़ी के ऊपर बने मकान को तोड़ने का आदेश दिया था।

