‘अब आंध्र में दो से अधिक बच्चे वाले ही लड़ सकेंगे स्थानीय निकाय चुनाव’

तिरुपति, जनमुख न्यूज। देश में भाजपा और आरएसएस द्वारा लगातार जनसंख्या नियंत्रण कानून की वकालत की जाती रही है। मध्य प्रदेश समेत दूसरे कई राज्यों में दो से ज्यादा बच्चों के माता-पिता को सरकारी सुविधाओं से वंचित करने की योजनाएं भी मूर्त रुप ले रही हैं। वहीं दूसरी तरफ दक्षिण भारत में ज्यादा बच्चे पैदा करने पर राजनीतिक पार्टियां जोर दे रही हैं। इस बारे में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि कोई व्यक्ति सरपंच, नगर पार्षद या महापौर तभी बन सकता है, जब उसके दो से अधिक बच्चे हों। इस दौरान उन्होंने संकेत दिया कि इससे जनसंख्या में गिरावट को रोका जा सकेगा। सीएम ने आगे कहा कि, वे लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नीतियां लाएंगे।
इससे पहले सीएम नायडू ने कहा था कि, राज्य में विकास दर बढ़नी चाहिए। सभी को इस बारे में सोचना चाहिए और परिवारों को कम से कम दो या उससे अधिक बच्चे पैदा करने का लक्ष्य रखना चाहिए। दरअसल केंद्र की यूथ इन इंडिया-२०२२ रिपोर्ट के अनुसार हमारे देश में २५ करोड़ युवा १५ से २५ साल के बीच के हैं। अगले १५ साल में यह और तेजी से गिरेगी।
उन्होंने हाल ही में यहां नरवरिपल्ले में कहा कि एक समय में, अधिक बच्चों वाले व्यक्तियों को पंचायत (चुनाव) या स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं थी। अब मैं जो कह रहा हूं वह यह है कि कम बच्चों वाले व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकते। आप सरपंच, नगर पार्षद, निगम अध्यक्ष या महापौर तभी बन सकते हैं जब आपके दो से अधिक बच्चे हों’। मुख्यमंत्री के अनुसार, उत्तर भारत लगभग १५ वर्षों में स्थिर प्रजनन दर का लाभ खो सकता है। सीएम नायडू ने कहा ‘आपके माता-पिता ने चार से पांच बच्चे पैदा किए और आपने इसे एक तक सीमित कर दिया। अब और भी अधिक स्मार्ट लोग कह रहे हैं कि डबल इनकम नो किड्स हमें आनंद लेने दें। अगर उनके माता-पिता ने उनकी तरह सोचा होता, तो वे इस दुनिया में नहीं आते’। सीएम ने कहा कि सभी देशों ने यह गलती की है और हमें सही समय पर निर्णय लेना होगा। उन्होंने कहा कि अधिक बच्चे पैदा करने के महत्व पर जोर नहीं दिया गया और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।

