valentines day:लव लाइफ की परेशानियों को दूर करने के लिए अपनाएं वास्तु विज्ञान के ये उपाय

प्यार एवं रोमांस की इंसान के व्यक्तिगत जीवन में बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अगर आप अपनी लव लाईफ से जुड़ी परेशानियों का सामना कर रहे हैं और आप उन्हें सॉल्व कर उसे और ज्यादा रामांटिक बनाना चाहते हैं। इसका उपाय वास्तुविज्ञान के द्वारा किया जा सकता है। जिसकी मदद से आप अपने संबंधों को मजबूत बना सकते हैं।
-बैडरूम के दक्षिण-पश्चिम कोने पर हल्के रंगों के लैंप शेड्स लगाने से प्रेम ऊर्जा का बैडरूम में संचार होता है और आपकी मानसिकता पॉजीटिव हो जाती है।
-बैड के सामने कभी भी शीशा नहीं होना चाहिए। ऐसा होने से विवाहित दंपति के बीच विवाद पैदा होने के योग बन जाते हैं। अगर आपके बैडरूम में भी ऐसा है तो उस शीशे को जल्द से जल्द दूसरी जगह पर लगाएं ताकि वास्तु के इस दोष का प्रभाव समाप्त हो सके।
-अगर आपके घर में कोई भी फिश एक्वेरियम या पानी का बाउल इत्यादि पानी की सुंदरता संबंधित वस्तु है तो उसे घर के उत्तर पूर्वी स्थान पर रखना चाहिए। इससे घर में प्रवाहित होने वाली नकारात्मक उर्जा का प्रभाव कम होने में सहायता मिलेगी व आपका मूड भी ठीक रहेगा एवं नींद भी सही आयेगी।
-अगर घर की पश्चिमी दिशा में कोई स्टोर या बेसमेंट इत्यादि कबाड़ इत्यादि से भरा है तो उस जगह से ऐसी ऊर्जा प्रवाहित होना शुरू हो जाती है, जो विवाहित दंपति के बीच में मनमुटाव का कारण बन सकती है।
-अगर पति पत्नी के बीच बार-बार मन मुटाव होता हो या ज्यादा सोचने की आदत हो चुकी है और नींद भी समूथ नहीं आती है तो अपने बैडरूम में हरे, पीले एवं सफेद रंग की वस्तुओं का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें। इसी के साथ एक मिट्टी या कांच का बाउल अपने बैडरूम में पानी से भरकर रखें। उसमें कुछ तांबे, सिल्वर एवं पीतल या कांसे के सिक्के डालें। प्रतिदिन उस पानी को चेंज करें। इस चेंज किये पानी को पौधों में भी डाला जा सकता है। ऐसा करने से उस बैडरूम की नकारात्मक ऊर्जा को पानी ऑब्जर्व कर लेता है। प्रतिदिन ऐसा करने से आपको नींद, अत्यधिक सोचने व क्रोध की समास्या का समाधान होने के योग बन जाएंगे। संतोषजनक लव लाईफ के साथ-साथ संबंधों को भी रोमांटिक बना पाएंगे।
-इसी के साथ अलग-अलग जातकों के ग्रहों की स्थिति के अनुरूप ही वास्तु रेमेडीज का जातको के ग्रहों की अनुकूलता के हिसाब से ही प्रभाव पड़ता है। जो किसी प्रबुद्ध ज्योतिष वैज्ञानिक से ही सलाह लें क्योंकि बिना ग्रहों की पूर्ण जानकारी के वास्तु कम्पलीट नहीं हो सकता क्योंकि वास्तु विज्ञान जो कि ज्योतिष विज्ञान की भवनों के निर्माण संबंधित एक छोटी सी शाखा ही है।

