उद्धव ठाकरे की शिवसेना में आंतरिक कलह बढ़ी, गंभीर आरोप लगाने पर पार्टी प्रवक्ता पर कड़ा एक्शन

मुंबई, जनमुख न्यूज। महाराष्ट्र की राजनीति एक तरफ सत्ता पक्ष में सीएम फडनवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ में शीत युद्ध जारी है। तो वहीं उद्धव ठाकरे की शिवसेना में भी आंतरिक कलह बढ़ने की खबर आ रही है। विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद बड़े पैमाने पर शिवसैनिक उद्धव का साथ छोड़ शिंदे गुट का दामन थाम रहे हैं जिसके चलते पार्टी में अंदरुनी कलह तेज हो गयी है। जिसने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
आंतरिक कलह पार्टी प्रवक्ता किशोर तिवारी के खिलाफ कार्रवाई के बाद खुलकर सामने आया है।
बताया जाता है कि शिवसेना (यूबीटी) के नेता किशोर तिवारी ने हाल ही में एक न्यूज चैनल पर पार्टी के बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सांसद संजय राउत, विनायक राउत, अरविंद सावंत और मिलिंद नार्वेकर ने ‘मातोश्री’ और ‘सेना भवन’ पर कब्जा किया। इसके साथ ही, तिवारी ने यह भी कहा कि पार्टी में प्रभावशाली जनाधार वाले नेताओं को पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया, और चुनावी हार के लिए इन नेताओं को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
किशोर तिवारी के इस बयान के बाद शिवसेना (यूबीटी) ने तुरंत एक्शन लिया और उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया। तिवारी को प्रवक्ता पद से हटा दिया गया और पार्टी कार्यालय से उनका नाम हटा दिया गया। यह कदम शिवसेना के अंदर की गुटबाजी और असंतोष को उजागर करता है, जिससे पार्टी की साख पर गहरा असर पड़ सकता है।
इस घटना के बाद उद्धव ठाकरे ने खुद मोर्चा संभाला। उन्होंने पार्टी के सांसदों और विधायकों की एक बैठक बुलाकर सभी से इस संकट से निपटने के लिए चर्चा की। सांसदों की बैठक २० फरवरी को हुई, जबकि विधायकों की बैठक २५ फरवरी को बुलाई गई है। उद्धव ठाकरे ने इस दौरान अपने समर्थन को मजबूत करने की कोशिश की और पार्टी को एकजुट रखने की दिशा में कदम उठाने की कोशिश की है।

