४३ साल में पहली बार महाशिवरात्रि पर नहीं निकलेगी शिव बारात!

वाराणसी, जनमुख न्यूज। वाराणसी में ४३ साल पहले शुरु हुई गंगा-जमुनी तहजीब की मिशाल मानी जाने वाली महाशिवरात्रि के दिन निकलने वाली शिव बारात पहली बार नहीं निकलेगी। महाकुंभ के पलट प्रवाह के चलते पिछले डेढ़ महीने से हाफ रही काशी को इस बार इस परंपरा से भी मुहं मोड़ना पड़ा है। बताया जा रहा है कि इस बार महाशिवरात्रि पर २५ लाख श्रद्धालु काशी पहुंचेगे। ऐसे में शिवबारात समिति ने इस वर्ष महाशिवरात्रि के एक दिन बाद २७ फरवरी को शिवबारात निकालने का निर्णय किया है।
रविवार को एक पत्रकारों से बातचीत करते हुए समिति के सदस्यों ने बताया कि महाशिवरात्रि के अगले दिन शाम शहर भर में शिव बारात निकलेगी। जिसमें इस बार शिवबारात में त्रिवेणी के जल से शिवभक्तों को स्नान भी कराया जाएगा। बारात में हर तरह के लाग विमान रहेगा। शिव से लेकर राम दरबार के स्वरूपों की झांकी के दर्शन होंगे। शिवबारात में १२ घोड़ों पर भगवान शिव, राम दरबार, ब्रह्मा, विष्णु और महेश के स्वरूप रहेंगे। कलाकार राधा-कृष्ण की रासलीला और शिवतांडव की प्रस्तुति करते हुए चलेंगे। बैंडबाजा, शहनाई, नगाड़ा, दुक्कड़, डमरू दल सहित छह तरह के वाद्ययंत्रों की धुन सुनाई देगी।
मुख्य रुप से शिव बारात महामृत्युंजय मंदिर, दारानगर से उठकर मैदागिन, बुलानाला, चौक, बाबा धाम गोदौलिया होते हुए चितरंजन पार्क तक जाएगी, वहाँ वधू-पक्ष भांग ठंडई, माला-फूल से बारातियों की अगवानी करेगा।
आयोजकों ने बताया कि जो लोग कतिपय कारणों से प्रयागराज नहीं जा सके और पुण्य से वंचित रह गये हैं उनके लिए कुम्भ के अमृत कलश से कुम्भ के जल की वर्षा की जायेगी। साथ ही बाबा विश्वनाथ के गण भूत-पिशाच, यक्ष, गंधर्व, नर, किन्नर, सभी देवी-देवता होली खेलते नज़र आयेंगे।

बारात में शिव-बारात के संस्थापक स्व. के. के. आनन्द, मोहम्मद इकराम खाँ ‘माई डियर’, पं. धर्मशील चतुर्वेदी, कैलाश केशरी, पत्रकार सुशील त्रिपाठी एवं जगदम्बा तुलस्यान की स्मृति भी बारात में शामिल रहेगी।
पत्रकार वार्ता में सर्वश्री आर. के. चौधरी, दीपक बजाज, गौरव अग्रवाल, संदीप केशरी, महेश माहेश्वरी, कमल सिंह, पवन खन्ना, विवेक मेहरोत्रा, आदि उपस्थित रहे।

