इंदिरा के अपमान पर कांग्रेसी झुकने को तैयार नहीं, विधानसभा के अंदर और बाहर जमकर किया बवाल

जयपुर, जनमुख न्यूज। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर राजस्थान के कांग्रेसी झुकने को तैयार नहीं हैं। इस मुद्दे पर छह विधायकों के निलंबन के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधानसभा घेराव की कोशिश की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए २२ गोदाम सर्किल पर बैरिकेडिंग की, जहां कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी झड़प देखने को मिली। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारेबाजी की। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा और एक-एक कर हिरासत में लिया। बैरिकेडिंग के बीच बने कांग्रेस मंच से नेताओं ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और सरकार पर निशाना साधा।
उधर सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल की कार्रवाई शुरू होते ही हंगामा हो गया। स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत निलंबित ६ विधायकों को सदन से जाने को कहा। निलंबित विधायक सदन में डटे रहे। हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही दोपहर १२ बजे तक स्थगित कर दी। इसके बाद सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष दोनों वार्ता के लिए स्पीकर के चैंबर में पहुंचे। प्रश्नकाल के बाद स्पीकर सदन की कार्रवाई फिर से शुरू करने के लिए पहुंचे। इसके बाद जूली और डोटासरा भी सदन में आ गए। कांग्रेस विधायक नारेबाजी कर रहे थे। स्पीकर ने उन्हें सदन से बाहर जाने के लिए कहा। इसके बाद तैश में आए कांग्रेस विधायक फिर से स्पीकर के आसन की तरफ बढ़ गए और मामला बिगड़ गया। स्पीकर और कांग्रेस विधायकों के बीच तनातनी इतनी बढ़ गई कि मामला फिर से बिगड़ गया। स्पीकर ने प्रश्नकाल के बाद निलंबित विधायकों को सदन से निकालने के लिए मार्शल बुला लिए। इसके बाद मार्शल प्रतिनिधियों और कांग्रेस विधायकों के बीच जबरदस्त धक्का-मुक्की हो गई। हालांकि मामला बिगड़ता देख स्पीकर ने कार्रवाई दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी है।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन के बाहर आकर कहा कि सदन में तीन दिन से गतिरोध चल रहा था उसे तोड़ने के लिए संसदीय मंत्री और स्पीकर से बातचीत हुई। जो बात सत्ता पक्ष चाहता था उस पर हम सभी सहमत भी हो गए लेकिन इसके बाद भी सदन को चलाने की सरकार की मंशा नजर नहीं आ रही है। जूली बोले कुछ लोग नहीं चाह रहे हैं कि सदन अच्छे से चले। सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह प्रतिपक्ष को साथ में लेकर सदन में गतिरोध दूर करे लेकिन हमारी लाख कोशिशों के बावजूद भी ये दादागिरी करना चाहते हैं तो हमें भी आगे की रणनीति तय करनी होगी।

