धधकती चिताओं के बीच हुई होली, लाखों देशी-विदेशी पर्यटक भी पहुंचे

वाराणसी, जनमुख न्यूज। मर्णिकर्णिका घाट एक बार रंग भरी एकादशी के दूसरे दिन अद्भुत नजारा देखने को मिला। लगभग दो दशक पहले चिता भस्म से होली खेलने की शुरु हुई परंपरा तमाम आपत्तियों के बीच आज भी पूरे उत्साह और उमंग के साथ निभाई गयी। मंगलवार की सुबह मणिकर्णिका घाट की विश्व प्रसिद्ध मसाने की होली का उत्सव मनाया गया। जिसमें बाबा मशान नाथ का शृंगार कर उनके सामने औघड़ साधुओं ने चिताओं से निकलने वाले भस्म से होली खेली। इस दौरान हर- हर महादेव के जयघोष से पूरा घाट गूंज उठा।
सबसे पहले धुनी रमाए नागा साधु मसान घाट पर पहुंचे। उनके ऊपर राख डालकर लोगों ने हाथ जोड़कर प्रणाम किया। इसके बाद आम भक्तों पर चिता भस्म फेंककर महादेव का जयघोष किया गया। इस दौरान घाटों पर अद्भुत नजारा दिखा। इस नजारे को देखने के लिए लाखों लोग मर्णिकर्णिका घाट पर जमा थे। जिसमें बहुत सारे विदेशी भी थे। जो यह अद्भुत दृश्य देख कर अचंभित थे।

चिता भस्म की होली देखने के उमड़े हुजुम के चलते मणिकर्णिका घाट की ओर जाने वाले सभी रास्ते जाम हो गए थे। फिर भी भीड़ गलियों, घाटों और बोट से सीधे मणिकर्णिका घाट पर पहुंचती रही।
मणिकर्णिका घाट पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रही। घाट की ओर जाने वाले रास्ते पर भी जवानों की तैनाती रही। सुरक्षाकर्मी भीड़ को कंट्रोल करने में जुटे रहे।

आयोजकों द्वारा चिता भस्म की होली से गृहस्थों के दूर रहने और युवतियों व महिलाओं को न आने देने के दावे का कोई भी असर नहीं दिखाई दिया। बड़ी संख्या में युवक-युवतियां न सिर्फ पहुंचे बल्कि उन्होंने चिता भस्म की होली में भागीदारी भी की।


