गुजरात दंगों पर पहली बार पीएम मोदी ने दी सफाई, कहा- 2002 से पहले भी होते रहे थे दंगे

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार 2002 में हुए दंगे को लेकर खुद पर लगे आरोपों पर पहली बार सफाई दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्टर में हुई बातचीत में कहा कि उस वर्ष की दुखद घटनाओं से पहले राज्य में दशकों तक लगातार सांप्रदायिक हिंसा होती रही थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने पाॅडकास्ट के दौरान वैश्विक और घरेलू आतंकी घटनाओं की एक श्रृंखला की ओर इशारा करते हुए कहा कि 1999 में कंधार विमान अपहरण, अमेरिका में 9/11 का हमला और दिसंबर 2001 में भारतीय संसद पर हमला शामिल है। उनके अनुसार, इन घटनाओं ने एक अत्यधिक उग्र माहौल बना दिया था, जिससे गुजरात विशेष रूप से अशांति के प्रति संवेदनशील हो गया था, जब 27 फरवरी, 2002 को गोधरा ट्रेन में आगजनी की घटना हुई थी।
उन्होंने कहा कि यह अकल्पनीय परिमाण की त्रासदी थी। लोगों को ज़िंदा जला दिया गया। कंधार, 9/11 और संसद हमले जैसी घटनाओं की पृष्ठभूमि में, आप कल्पना कर सकते हैं कि स्थिति कितनी तनावपूर्ण और अस्थिर थी। इस दावे को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि 2002 की हिंसा गुजरात के इतिहास की सबसे बुरी हिंसा थी, प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य में पहले भी हुए सांप्रदायिक दंगों को उजागर किया। उन्होंने कहा कि यह धारणा कि ये अब तक के सबसे बड़े दंगे थे, गलत सूचना है। 2002 से पहले, गुजरात में 250 से ज़्यादा दंगे हुए थे, जिसमें पतंग उड़ाने या साइकिल की टक्कर जैसे मामूली मुद्दों पर सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी। उदाहरण के लिए, 1969 के दंगे लगभग छह महीने तक चले थे।
दंगों में अपनी सरकार की संलिप्तता के आरोपों पर टिप्पणी करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि न्यायपालिका ने मामले की गहन जांच की और हमारे राजनीतिक विरोधी (केंद्र में) सत्ता में होने के बावजूद, वे हमारे खिलाफ आरोप नहीं लगा पाए। अदालतों ने दो बार मामले की जांच की और हमें पूरी तरह से निर्दोष पाया। जो लोग वास्तव में जिम्मेदार हैं, उन्हें न्याय का सामना करना पड़ा है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि गुजरात में पिछले 22 वर्षों में कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ है, उन्होंने इसका श्रेय विभाजनकारी राजनीति के बजाय विकास पर उनके प्रशासन के फोकस को दिया।

