वाराणसी जिला जेल से फर्जी आदेश पर कैदी की रिहाई, जेल अधीक्षक ने दर्ज कराई FIR

वाराणसी, जनमुख न्यूज़। जिला जेल चौकाघाट से एक विचाराधीन कैदी को फर्जी रिहाई आदेश के आधार पर छोड़ने का मामला सामने आया है। इस संबंध में जेल अधीक्षक राजेश कुमार ने लालपुर-पांडेयपुर थाने में कैदी सुनील कुमार उर्फ सुनील चौधरी और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
कैसे हुआ खुलासा?
कैदी सुनील कुमार, निवासी हाथरस, साइबर क्राइम से जुड़े विभिन्न मामलों में वाराणसी जेल में बंद था। उसे 7 मार्च को जेल से रिहा कर दिया गया, जबकि उसकी जमानत हाईकोर्ट में लंबित थी। जांच में पता चला कि अलीगढ़ की अदालत से रिहाई कन्फर्मेशन/रेडियोग्राम का जो पत्र आया था, वह फर्जी था।
नेहा शाह और पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने उठाया मुद्दा
इस मामले को डिप्टी जेलर ममता कन्नौजिया की बेटी नेहा शाह और पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने उठाया। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जेल प्रशासन पर भ्रष्टाचार और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रिहाई कराने का आरोप लगाया।
पूर्व जेल अधीक्षक पर भी उठे सवाल
इस घटना के दौरान जेल अधीक्षक के पद पर उमेश सिंह कार्यरत थे, जिनपर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। अमिताभ ठाकुर ने दावा किया कि यह रिहाई भारी धनराशि लेकर कराई गई।
पुलिस जांच में खुलासा
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि अलीगढ़ अदालत से ऐसा कोई रिहाई आदेश जारी नहीं हुआ था। जेल प्रशासन को भेजा गया रेडियोग्राम पूरी तरह फर्जी था।
क्या होगा आगे?
पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसमें जेल प्रशासन की लापरवाही और भ्रष्टाचार की भी जांच की जा रही है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

