पुलिस चौकी, स्कूल-कॉलेज और कॉलोनियों ने निगल ली जलसंपदा, काशी के 134 तालाबों पर अवैध कब्जा

वाराणसी, जनमुख न्यूज़। शहर में सरकारी जमीन और तालाबों पर कब्जे का खेल लंबे समय से चलता आ रहा है। नगर निगम द्वारा कराए गए एक हालिया सर्वे में चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है। नगर क्षेत्र में मौजूद 134 तालाबों में से 72 तालाबों पर अवैध कब्जा पाया गया है। इन तालाबों की जमीन पर कहीं पुलिस चौकी तो कहीं स्कूल-कॉलेज और सरकारी दफ्तर बना दिए गए हैं।
नगर निगम ने राजस्व अभिलेखों और मौजूदा स्थिति के आधार पर तालाबों की रकबा सहित विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कई तालाबों को पाटकर उन पर निजी और सरकारी निर्माण करवा लिए गए हैं।
माता कुंड पर पुलिस चौकी, रमरेपुर पोखरी मंडी में समाहित
लल्लापुरा क्षेत्र की 0.6 हेक्टेयर भूमि पर स्थित ‘माता कुंड’ अब रिकॉर्ड में तो है, लेकिन ज़मीनी हकीकत में वहां पुलिस चौकी बन चुकी है। वहीं रमरेपुर पोखरी (0.4 हेक्टेयर) अब पहाड़िया मंडी का हिस्सा बन गई है। सदर बाजार तालाब की 1.2250 हेक्टेयर जमीन पर रक्षा विभाग ने मल्टीपरपज ग्राउंड तैयार कर लिया है।
सरकारी विभाग भी पीछे नहीं
कादीपुर और नदेसर तालाब की जमीन पर पानी की टंकियां बना दी गईं हैं, जबकि जैतपुरा के हरतीर्थ तालाब पर दूरसंचार विभाग का दफ्तर खड़ा हो गया है। इन सभी तालाबों का अब कोई अस्तित्व नहीं बचा है।
विकास प्राधिकरण ने ही बसाई कॉलोनी
वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए), जो अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करता है, खुद एकता नगर कॉलोनी को ओमकालेश्वर तालाब (0.2670 हेक्टेयर, कज्जाकपुरा) की जमीन पर बसा चुका है।
शिक्षण संस्थान भी तालाब की जमीन पर
लहरतारा पोखरी पर आज सनबीम स्कूल है, जबकि शिवदासपुर तालाब की जमीन पर मां दुर्गा इंटर कॉलेज बना दिया गया है।
विधायक निधि से हुआ बारातघर निर्माण
रानीपुर पोखरी (0.0690 हेक्टेयर) की जमीन पर विधायक निधि से बारातघर बनाया गया, और तुलसीपुर पोखरी (0.410 हेक्टेयर) पर सामुदायिक केंद्र खड़ा कर दिया गया।
तालाबों की जगह अब घर और सड़कें
कई तालाबों को पूरी तरह पाटकर वहां रिहायशी इलाके और सड़कें बना दी गई हैं। सरायनंदन, सरायसुरजन, सगरा, नेवादा, बजरडीहा, बिर्दोपुर, इंग्लिशिया लाइन, अमरपुर, खजूरी, लक्ष्मणपुर, पहाड़िया, बरईपुर जैसे अनेक इलाकों में पुराने तालाबों की जगह अब घर, दुकानें और सड़कें दिखाई देती हैं।

