बीएचयू पीएचडी एडमिशन में हेरफेर का आरोप: धरने पर बैठी छात्रा को करणी सेना व छात्र संगठनों का समर्थन, वीसी ने की मुलाकात

वाराणसी, जनमुख न्यूज़। बीएचयू के हिंदी विभाग में पीएचडी प्रवेश को लेकर उठे विवाद ने अब तूल पकड़ लिया है। प्रवेश प्रक्रिया में कथित हेरफेर का आरोप लगाकर धरने पर बैठी छात्रा अर्चिता सिंह को अब करणी सेना सहित विपक्षी छात्र संगठनों का भी समर्थन मिल गया है। करणी सेना के साथ ही एनएसयूआई और आइसा के सदस्य भी धरना स्थल पर पहुंचकर छात्रा के समर्थन में खड़े हुए हैं।
करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष ने खुद छात्रा से संपर्क कर विभागाध्यक्ष को फोन कर उसकी प्रवेश प्रक्रिया पूरी कराने की बात कही। इससे पहले भारी संख्या में पुलिस और पीएसी बलों को सेंट्रल ऑफिस के बाहर तैनात कर दिया गया था। वहीं, कार्यवाहक कुलपति भी छात्रा से मिलने धरना स्थल पहुंचे और सेंट्रल ऑफिस की सीढ़ियों पर उसके साथ बैठते नजर आए।
छात्रा अर्चिता सिंह ने बताया कि वह पिछले 15 दिनों से विभाग के चक्कर काट रही है, लेकिन सभी दस्तावेज जमा करने के बावजूद उसे प्रवेश नहीं दिया गया। अर्चिता ने बताया कि उसके पास ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट का पुराना संस्करण था, जिसे पहले जमा किया गया, फिर विभाग के निर्देश पर अंडरटेकिंग फॉर्म भी सौंप दिया गया।
अर्चिता का कहना है कि सामान्य श्रेणी में उसकी 15वीं रैंक थी और विभाग ने काउंसलिंग समेत सभी प्रक्रिया पूरी कर ली थी, लेकिन एडमिशन फीस जमा करने के लिए पेमेंट लिंक उसे नहीं भेजा गया। आरोप है कि विभाग ने एक कमेटी बनाकर जानबूझकर उसकी फाइल को यूएसएबी भेज दिया, जहां की चेयरमैन ने समाधान करने से इनकार कर दिया।
छात्रा ने यह भी आरोप लगाया कि कई उम्मीदवारों ने अंडरटेकिंग फॉर्म के आधार पर प्रवेश पा लिया है, लेकिन उसे ही परेशान किया जा रहा है। धरना स्थल पर मौजूद नेताओं ने कहा कि यह संघर्ष अब और व्यापक होगा और छात्रा को न्याय दिलाने के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ी जाएगी।

