पारदर्शिता के लिए बड़ी पहल, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने घोषत की अपनी संपत्ति

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज। सुप्रीम कोर्ट ने पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए अपने न्यायाधीशों की संपत्ति की घोषणाओं को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करना शुरू कर दिया है। यह कदम १ अप्रैल, २०२५ को पूर्ण न्यायालय द्वारा लिए गए निर्णय के बाद उठाया गया है। शीर्ष अदालत की ओर से जारी बयान के अनुसार भारत के सर्वोच्च न्यायालय की पूर्ण अदालत ने १ अप्रैल, २०२५ को यह निर्णय लिया है कि इस न्यायालय के न्यायाधीशों की संपत्ति का विवरण इस न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड करके सार्वजनिक डोमेन में रखा जाएगा। पहले से प्राप्त न्यायाधीशों की संपत्ति का विवरण अपलोड किया जा रहा है। अन्य न्यायाधीशों की संपत्ति का विवरण वर्तमान संपत्ति विवरण प्राप्त होने पर अपलोड किया जाएगा।
सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय दोनों में नियुक्तियों की पूरी प्रक्रिया भी प्रकाशित की है। इसमें उच्च न्यायालय कॉलेजियम की भूमिका, राज्य सरकारों और केंद्र सरकार से इनपुट और सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम की निर्णय लेने की प्रक्रिया शामिल है। इसका उद्देश्य चयन प्रक्रिया के बारे में जनता को सूचित रखना है। इसके अलावा, ९ नवंबर २०२२ से ५ मई २०२५ तक उच्च न्यायालयों में सभी नियुक्तियों का विवरण उपलब्ध कराया गया है। इसमें नियुक्त किए गए लोगों के नाम, उन्हें किस उच्च न्यायालय में नियुक्त किया गया, क्या उन्हें न्यायिक सेवा या बार से चुना गया था, सिफारिश और अधिसूचना की तिथि, नियुक्ति की तिथि, उनकी श्रेणी (जैसे एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक या महिला) और क्या उनका मौजूदा या सेवानिवृत्त न्यायाधीशों से कोई पारिवारिक संबंध है। यह सारी जानकारी अब सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने निवेश और चल संपत्तियों की एक विस्तृत श्रृंखला का खुलासा किया है। उनके वित्तीय पोर्टफोलियो में सावधि जमा, बैंक खाते, सरकारी और बीमा योजनाएं, साथ ही शेयर और म्यूचुअल फंड शामिल हैं। उल्लेखनीय रूप से, उनके पास सावधि जमा और बैंक बैलेंस में लगभग ५५.७५ लाख रुपये हैं, साथ ही उनके सामान्य भविष्य निधि में १.७७ करोड़ रुपये से अधिक हैं। उनके पास २९,६२५ रुपये से कम वार्षिक प्रीमियम वाली एलआईसी पॉलिसी और लगभग १४,००० रुपये मूल्य के शेयर भी हैं। इसके अलावा, एक अलग घोषणा में, उन्होंने लगभग २३.८७ लाख रुपये की अतिरिक्त बैंक और सावधि जमा होल्डिंग्स की सूचना दी। ६४.५१ लाख रुपये मूल्य का एक सार्वजनिक भविष्य निधि और अपने जीवनसाथी/परिवार के साथ संयुक्त रूप से १.३९ करोड़ रुपये का शेयर और म्यूचुअल फंड में निवेश शामिल हैं। सीजेआई की अन्य संपत्तियों में २५० ग्राम सोना, २ किलो चांदी और एक मारुति स्विफ्ट कार भी शामिल है।
नए सीजेआई के पास कितनी संपत्ति
आगामी १४ मई को देश के अगले मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेने जा रहे जस्टिस बीआर गवई की संपत्ति की बात करें तो उनके पास बैंक खातों में १९.६३ लाख रुपये नकद, महाराष्ट्र के अमरावती में एक पुश्तैनी मकान, मुंबई के बांद्रा इलाके में एक अपार्टमेंट और दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में भी एक अपार्टमेंट है। साथ ही उनके नाम पर अमरावती और नागपुर में कृषि भूमि भी है। जस्टिस गवई १४ मई को देश के अगले मुख्य न्यायाधीश के पद पर आसीन होंगे, उनकी चल संपत्ति की बात करें तो उसमें ५.२५ लाख रुपये के सोने के आभूषण और उनकी पत्नी के पास २९.७० लाख रुपये के आभूषण शामिल हैं। जस्टिस गवई के पास ६१,३२० रुपये नकद भी हैं।
३३ में से २१ जजों ने घोषित की संपत्ति
सुप्रीम कोर्ट के ३३ में से २१ जजों ने अभी अपनी संपत्ति सार्वजनिक की है। जस्टिस सूर्यकांत, जो इस साल नवंबर में देश के मुख्य न्यायाधीश का पद संभालेंगे, उनके पास चंडीगढ़ में एक घर, पंचकूला में १३ एकड़ कृषि भूमि और गुरुग्राम में ३०० स्कवायर यार्ड का प्लॉट और अन्य अचल संपत्ति शामिल हैं। उनके पास ४.११ करोड़ रुपये की एफडी और १०० ग्राम सोने के आभूषण और तीन महंगी घड़ियां शामिल हैं। जस्टिस अभय एस ओक के पास महाराष्ट्र के ठाणे में एक फ्लैट, ठाणे में कृषि भूमि और २१ लाख रुपये की एफडी और ९.१० लाख रुपये की बचत की रकम है।
जस्टिस विक्रमनाथ के पास १२० करोड़ रुपये का निवेश
जस्टिस विक्रमनाथ, जो १९ मई २०२३ को बार से एलिवेट करके सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं, उनके पास १२० करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश, सफदरजंग डेवलेपमेंट एरिया और गुलमोहर पार्क दिल्ली में संपत्तियां और कोयंबटूर में एक अपार्टमेंट शामिल हैं। जस्टिस विक्रमनाथ ने अपने आयकर रिटर्न की डिटेल्स भी साझा की हैं, जिनके अनुसार, उन्होंने वित्तीय वर्ष २०१०-११ से लेकर २०२४-२५ तक ९१ करोड़ रुपये से ज्यादा आयकर भरा है।

