“सुप्रीम कोर्ट सख्त: हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना पर आंध्र प्रदेश के डिप्टी कलेक्टर को बनाया तहसीलदार”

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना पर सख्त रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि संबंधित डिप्टी कलेक्टर को पदावनत कर तहसीलदार के पद पर नियुक्त किया जाए। मामला गुंटूर जिले का है, जहां उच्च न्यायालय ने झोपड़ियां न हटाने का आदेश दिया था, लेकिन संबंधित अधिकारी ने कोर्ट के आदेश की अनदेखी की।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि अदालत के आदेशों का पालन हर अधिकारी की जिम्मेदारी है, चाहे उसका ओहदा कुछ भी हो। उन्होंने कहा कि आदेशों की अवहेलना, कानून के शासन की बुनियाद पर हमला है और इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय द्वारा अधिकारी को दी गई दो महीने की जेल की सजा को संशोधित कर उसे सेवा में एक स्तर नीचे कर तहसीलदार बनाने का आदेश दिया। यह अधिकारी वर्ष 2023 में ही तहसीलदार से पदोन्नत होकर डिप्टी कलेक्टर बने थे। इसके साथ ही कोर्ट ने अधिकारी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
न्यायमूर्ति गवई ने स्पष्ट किया कि इस निर्णय का उद्देश्य पूरे देश को यह संदेश देना है कि अदालत के आदेशों की अवमानना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि यह अधिकारी ही उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।

