भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम
अमेरिका की मध्यस्थता से दोनों देशों के बीच बनी सहमति

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में आतंकी ठिकानों पर “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया। इस कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों और नागरिक इलाकों को निशाना बनाने की कोशिश की। बीते चार दिनों में पाकिस्तान ने कई साजिशें रचीं, लेकिन भारत ने संयम और सख्ती से हर हमले का जवाब दिया।
लगातार मिल रही नाकामी और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हो रही आलोचना के चलते पाकिस्तान ने 11 मई को दोपहर 3:35 बजे भारत से संपर्क किया और संघर्ष विराम की अपील की। इसके बाद भारत ने शाम करीब 6 बजे संघर्ष विराम की घोषणा की।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संघर्ष विराम की पुष्टि करते हुए बताया कि पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने भारतीय DGMO को फोन कर ज़मीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई को रोकने पर सहमति जताई। यह फैसला भारतीय समयानुसार शाम 5 बजे से प्रभावी हुआ। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच अगली बातचीत 12 मई को दोपहर 12 बजे तय हुई है।
इस निर्णय की जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा कि भारत और पाकिस्तान अमेरिका की मध्यस्थता में हुई वार्ता के बाद “पूर्ण और तत्काल” संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं। ट्रंप ने दोनों देशों को समझदारी भरा फैसला लेने के लिए बधाई भी दी।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर संघर्ष विराम की पुष्टि की। उन्होंने लिखा कि भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ सख्त और अडिग रुख अपनाया है और यह नीति आगे भी जारी रहेगी।
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इशाक डार से अलग-अलग बातचीत की थी। उन्होंने दोनों पक्षों से तनाव कम करने और संवाद बहाल करने के प्रयासों पर जोर दिया। रुबियो ने पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी संपर्क कर तनाव घटाने की अपील की थी।

