भारत ने कश्मीर पर ट्रंप की मध्यस्थता को किया खारिज, कहा- व्यापार पर भी नहीं हुई कोई चर्चा

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम को लेकर विदेश मंत्रालय ने एक अहम प्रेस वार्ता की। इस दौरान मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कश्मीर मुद्दे पर भारत को किसी भी तरह की मध्यस्थता स्वीकार नहीं है, चाहे वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हो या किसी और की। मंत्रालय ने साफ कहा कि पाकिस्तान को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) खाली करना होगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि भारत की पुरानी नीति रही है कि जम्मू-कश्मीर से जुड़े सभी मुद्दों को भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता से ही हल किया जाएगा। इस नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
उन्होंने बताया कि 10 मई को भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के डीजीएमओ के बीच दोपहर 3:35 बजे संघर्ष विराम को लेकर फोन पर बातचीत हुई। इस वार्ता की जानकारी भारत को उसी दिन दोपहर 12:37 बजे पाकिस्तान उच्चायोग के जरिये मिली। पाकिस्तान की तकनीकी समस्याओं के कारण हॉटलाइन कनेक्शन में देरी हुई, लेकिन अंततः बातचीत सफल रही।
रणधीर जायसवाल ने यह भी बताया कि 10 मई की सुबह भारतीय सेना ने पाकिस्तान के एक एयरबेस को तबाह किया, जिसके बाद पाकिस्तान के रवैये में बदलाव आया और उसने गोलाबारी बंद करने का फैसला लिया। भारत ने पाकिस्तान को मजबूर किया कि वह संघर्ष विराम को माने।
उन्होंने दोहराया कि भारत ने 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया था। 7 मई को शुरू हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने आतंकी ढांचे को निशाना बनाया। इसके बाद 10 मई को संघर्ष विराम की सहमति बनी।
मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान भारत और अमेरिका के बीच जो भी बातचीत हुई, उसमें कहीं भी व्यापार से संबंधित कोई चर्चा नहीं हुई। भारत ने साफ संदेश दिया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं किया जाएगा।

