पूर्वोत्तर में मानसून का कहर: बाढ़ और भूस्खलन से तबाही, 24 की मौत, हजारों प्रभावित

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। दक्षिण-पश्चिम मानसून पूर्वोत्तर भारत में दस्तक दे चुका है और इसके साथ ही मूसलाधार बारिश ने तबाही मचा दी है। अरुणाचल प्रदेश, असम, सिक्किम, त्रिपुरा और मणिपुर जैसे राज्यों में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ब्रह्मपुत्र और बराक समेत 10 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे हालात और गंभीर हो गए हैं।
अब तक इस आपदा में 24 लोगों की जान जा चुकी है और चार लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। 800 से ज्यादा घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हजारों लोगों को सुरक्षित राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) सहित कई एजेंसियां राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। असम और अरुणाचल प्रदेश की सरकारों ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
असम:
राज्य के 20 जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। करीब चार लाख लोग इससे प्रभावित हुए हैं। बारिश और भूस्खलन से सड़कें, रेल और नौका सेवाएं ठप हो गई हैं। कामरूप जिले के हाटीगांव इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग-17 का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया है। राज्य में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है।
सिक्किम:
लगातार बारिश के कारण तीस्ता नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है। मंगन जिले में रेड अलर्ट जारी किया गया था। उत्तरी सिक्किम में भूस्खलन के कारण कई रास्ते बंद हैं और करीब 1,500 पर्यटक फंसे हुए हैं।
त्रिपुरा:
राज्य में लगातार बारिश से कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। अगरतला में एक व्यक्ति की बाढ़ के पानी में मेनहोल में गिरने से मौत हो गई। मुख्यमंत्री मानिक साहा के आवास के सामने भी पानी भर गया है। राज्य के 5,000 से ज्यादा लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।
मणिपुर:
पिछले 48 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते राज्य में 883 घरों को नुकसान पहुंचा है और 3,800 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। इंफाल में सेना और असम राइफल्स ने 1,500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम के मुख्यमंत्रियों और मणिपुर के राज्यपाल से फोन पर बात कर स्थिति की जानकारी ली और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि मोदी सरकार पूर्वोत्तर के लोगों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है।

