काशी विद्यापीठ में मेरिट आधारित प्रवेश के विरोध में आंदोलन कर रहे 9 छात्र हिरासत में, छात्रों में आक्रोश

वाराणसी, जनमुख न्यूज़। काशी विद्यापीठ में मेरिट आधारित प्रवेश के खिलाफ पिछले 29 दिनों से आंदोलन कर रहे छात्रों पर मंगलवार देर रात पुलिस ने कार्रवाई की। प्रदर्शन कर रहे नौ छात्रों को पुलिस ने धरनास्थल से हिरासत में ले लिया। देर रात अचानक हुई इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया। सिगरा थाने की पुलिस और विद्यापीठ चौकी प्रभारी ने मौके पर पहुंचकर सभी प्रदर्शनकारियों को एक-एक कर उठाया।
छात्रों ने इसका विरोध किया और अपने अन्य साथियों को बुलाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने किसी की एक न चलने दी। हिरासत में लिए गए छात्रों को पुलिस कबीरचौरा अस्पताल ले गई, जहां उनका प्रारंभिक स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। जानकारी मिलने पर कुछ अन्य छात्र भी मंडलीय अस्पताल पहुंच गए।
पुलिस ने सभी छात्रों के खिलाफ विश्वविद्यालय की काउंसलिंग में बाधा डालने और शांति भंग करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। उन्हें आज मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा। उधर, कार्रवाई के विरोध में छात्रों में गहरा आक्रोश है, जिसे देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी — डीआईजी शिव हरी मीणा, एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा, डीसीपी गौरव बंसवाल और एसीपी अतुल अंजान त्रिपाठी — ने विश्वविद्यालय परिसर का निरीक्षण किया।
छात्रों की प्रमुख मांग है कि 2025-26 सत्र से मेरिट के आधार पर नहीं, बल्कि प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दाखिला लिया जाए। उनका कहना है कि प्रमुख विषयों में जहां आवेदन सीटों से दोगुने हैं, वहां अनिवार्य रूप से प्रवेश परीक्षा कराई जाए। इसके अलावा पेड सीटों की संख्या 50 प्रतिशत से घटाकर पुनः 33 प्रतिशत की जाए और बढ़ाया गया प्रवेश शुल्क वापस लिया जाए।
छात्रों का कहना है कि केवल मेरिट के आधार पर प्रवेश से कई योग्य छात्रों के साथ अन्याय होगा। आंदोलन के दौरान कुछ छात्र भूख हड़ताल पर भी हैं, जिनकी तबीयत बिगड़ चुकी है। मंगलवार को प्रदर्शन का 29वां दिन था, जबकि बेमियादी भूख हड़ताल को 5 दिन हो चुके हैं। इससे पहले छात्र खुद को जंजीरों में जकड़कर विरोध जता चुके हैं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी हठधर्मिता पर कायम है।

