BHU ट्रॉमा सेंटर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप: छात्रों ने पीएमओ में सौंपा ज्ञापन

वाराणसी, जनमुख न्यूज़। स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के ट्रॉमा सेंटर में व्याप्त अव्यवस्था, भ्रष्टाचार और बाउंसरों की मनमानी के खिलाफ छात्रों का आक्रोश फूट पड़ा है। विश्वविद्यालय के छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को संबोधित एक ज्ञापन पीएम के वाराणसी स्थित जनसंपर्क कार्यालय में सौंपा।
ज्ञापन में ट्रॉमा सेंटर प्रभारी और सुरक्षा कर्मियों के रूप में तैनात बाउंसरों को तत्काल हटाने, 100 करोड़ रुपये की संदिग्ध खरीद की उच्चस्तरीय जांच, और केंद्रीय सतर्कता आयोग से निष्पक्ष रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की गई है।
छात्रों का कहना है कि BHU ट्रॉमा सेंटर, जो पूर्वांचल और आसपास के राज्यों – उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ – के हजारों मरीजों के लिए जीवनदायिनी सेवा प्रदान करता है, वर्तमान में भारी कुप्रबंधन और प्रशासनिक तानाशाही का शिकार है। कोरोना काल में उत्कृष्ट सेवा देने वाला यह केंद्र अब लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण संकट में है।
बाउंसरों पर दुर्व्यवहार का आरोप
ज्ञापन के अनुसार, 26 मई 2025 को ट्रॉमा सेंटर में कार्यरत दो चिकित्सा शिक्षकों के साथ बाउंसरों ने अभद्र व्यवहार किया। इसके बाद से कई सर्जिकल सेवाएं प्रभावित हुई हैं, जिससे मरीज निजी क्लीनिकों का रुख कर रहे हैं। मरीजों और उनके परिजनों से भी बाउंसरों द्वारा बदसलूकी की जा रही है, जिससे आमजन में गहरा असंतोष है।
खरीद घोटाले का खुलासा
छात्रों ने आरोप लगाया कि ट्रॉमा सेंटर ने बीते वर्ष GEM पोर्टल के माध्यम से 100 करोड़ रुपये से अधिक की सामग्री की खरीद की, जिसमें पारदर्शिता नहीं बरती गई। जिन 11 फर्मों से खरीद हुई, वे आपस में रिश्तेदारों की थीं। एक ही फर्म से साबुन से लेकर हाई-डेफिनिशन एक्स-रे मशीन तक की आपूर्ति कराई गई, जिससे खरीद प्रक्रिया पर संदेह गहराया है। कई उत्पादों की खरीद बाजार मूल्य से कई गुना अधिक कीमत पर की गई।
जांच रिपोर्ट दबाने का आरोप
छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा इस पूरे मामले की जांच की गई थी, लेकिन रिपोर्ट को बीते एक साल से दबाकर रखा गया है। अब तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
छात्रों ने ट्रॉमा सेंटर को फिर से एक पारदर्शी, सेवा भावी और जनहितकारी संस्थान बनाने की मांग की है।

