विश्व योग दिवस 2025: पीएम मोदी ने विशाखापत्तनम में तीन लाख लोगों संग किया योग, बना गिनीज रिकॉर्ड

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के भव्य समारोह में भाग लिया, जहां उन्होंने करीब तीन लाख लोगों के साथ योगाभ्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने योग को वैश्विक शांति, सौहार्द और स्वास्थ्य का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह पूरी दुनिया में फैल चुका है — चाहे सिडनी ओपेरा हाउस की सीढ़ियां हों, एवरेस्ट की चोटियां हों या समुद्र का विस्तार। हर जगह एक ही संदेश है: “योग सभी का है, और सभी के लिए है।”
प्रधानमंत्री ने योग की वैज्ञानिकता पर बल देते हुए कहा कि भारत अब योग को आधुनिक अनुसंधान के माध्यम से और अधिक सशक्त बना रहा है। उन्होंने बताया कि एम्स दिल्ली सहित कई संस्थानों के शोध से यह साबित हो चुका है कि योग हृदय रोग, तंत्रिका विकार, महिलाओं के स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन में अत्यंत लाभकारी है।
इस वर्ष योग दिवस की थीम “एक पृथ्वी के लिए योग, एक स्वास्थ्य के लिए योग” रखी गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे पृथ्वी, प्रकृति और मानव के आपसी संबंध की गहरी समझ बताते हुए कहा कि योग हमें प्रकृति से जुड़ने, एकात्मता को महसूस करने और एकजुट जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा देता है।
विशाखापत्तनम में यह आयोजन ऐतिहासिक बन गया जब आरके बीच पर भारतीय नौसेना के 11,000 से अधिक जवानों और उनके परिवारों ने प्रधानमंत्री के साथ योग किया। इसके साथ ही समुद्र में लंगर डाले भारतीय नौसेना के जहाजों पर भी योग अभ्यास हुआ।
इस अवसर पर वडनगर में एक और ऐतिहासिक क्षण दर्ज हुआ, जब 2,121 प्रतिभागियों ने कोबरा मुद्रा में योग कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। गिनीज के अधिकारी रिचर्ड स्टनिंग ने इस रिकॉर्ड को प्रमाणित करते हुए सभी को बधाई दी।
देश ही नहीं, विदेशों में भी योग दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। जापान के टोक्यो में भारतीय दूतावास के आयोजन में प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की पत्नी योशिको इशिबा और विदेश मंत्री की पत्नी सातोको इवाया उपस्थित रहीं। यहां दो हजार से ज्यादा लोगों ने योग किया।
उधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में जवानों संग योग कर उनका उत्साह बढ़ाया। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में लगे सैनिकों की बहादुरी की प्रशंसा की और कहा कि योग केवल अभ्यास नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा से जुड़ने का माध्यम है।
इस वर्ष 191 देशों के 1,300 शहरों में विभिन्न योग कार्यक्रमों के ज़रिए भारत की “सॉफ्ट पावर” और प्राचीन परंपरा का वैश्विक प्रदर्शन किया गया, जिससे यह सिद्ध हुआ कि योग अब एक वैश्विक जनआंदोलन बन चुका है।

