तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के समक्ष काशी में सजेगी 10 जीआई उत्पादों की अनूठी प्रदर्शनी

वाराणसी, जनमुख न्यूज़। योगी सरकार के प्रयासों से सांस्कृतिक नगरी काशी 24 जून को ऐतिहासिक आयोजन की मेजबानी करने जा रही है। वाराणसी में पहली बार मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक प्रस्तावित है। परिषद की 25वीं बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मेजबान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, मध्य प्रदेश के मोहन यादव और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शामिल होंगे। ताज होटल में प्रस्तावित इस महत्वपूर्ण बैठक के अलावा काशी के विश्व प्रसिद्ध हस्तशिल्प जीआई टैग उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगेगी। इसमें काशी के 10 विशिष्ट जीआई-टैग वाले उत्पाद प्रदर्शित होंगे, जो यहां के कारीगरों के हुनर और समृद्ध विरासत का प्रतीक हैं। यह आयोजन न केवल इन उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगा, बल्कि स्थानीय कारीगरों को भी प्रोत्साहित करेगा।

प्रदर्शित होने वाले जी.आई.उत्पाद
1 -बनारस ब्रोकेड एण्ड साड़ी
2 -बनारस जरदोजी
3 -बनारस गुलाबी मीनाकारी क्राफ्ट
4 -बनारस ग्लास बीड्स
5 -बनारस मेटल रिपोजी क्राफ्ट
6 -बनारस मेटल कास्टिंग क्राफ्ट
7 -वाराणसी वुडेन लेकर एंड टॉयज
8 -बनारस वुड कार्विंग
9-वाराणसी सॉफ्ट स्टोन जाली वर्क
10-बनारस हैंड ब्लॉक प्रिंट

उत्तर प्रदेश बना सर्वाधिक जीआई टैग वाला राज्य,काशी क्षेत्र जीआई का हब
पद्मश्री डॉ. रजनी कांत ने कहा कि यह आयोजन काशी के लिए गर्व का क्षण है, जो अपनी कला, संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाता है। भारत  की बौद्धिक संपदा में शुमार जीआई उत्पादों की इस प्रदर्शनी से काशी के कारीगरों के हुनर को मंच मिलेगा। उन्होंने बताया कि पूर्वांचल में 32 जीआई उत्पाद हैं, जिनसे करीब 20 लाख कारीगर जुड़े हैं। इसका सालाना कारोबार लगभग 25,500 करोड़ का है। योगी सरकार की नीतियों और प्रयासों से उत्तर प्रदेश जीआई टैग प्राप्त उत्पादों की संख्या के मामले में देश में शीर्ष पर है। वर्तमान में 77 जीआई टैग उत्पाद हैं। यह राज्य की विविध कला और शिल्प परंपराओं, कृषि उत्पादों और विशिष्ट भौगोलिक पहचान को दर्शाता है। 30 उत्पाद जीआई टैग मिलने की प्रक्रिया में हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश की यह उपलब्धि और भी मजबूत होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद जीआई उत्पादों के ब्रांड अंबेसडर हैं। उन्होंने प्रदेश के हस्तशिल्प को नई पहचान देते हुए विलुप्त हो रही कला को जीवित कर दिया है। योगी सरकार ने इस बैठक में जीआई टैग हेंडीक्राफ्ट के प्रदर्शन के लिए शिल्पकार को मंच देकर हुनरमंद हाथों का हौसला बढ़ाया है। इस प्रदर्शनी से वाराणसी के हेंडीक्राफ्ट ख़ास तौर पर जीआई टैग वाले उत्पादों का प्रचार प्रसार होगा। अन्य प्रदेश से आए विशिष्ट मेहमान काशी की इस कला से परिचित होंगे और इस कला की बारीकियों को जानेंगे। इस मंच से ऑर्डर मिलने की संभावनाएं बढ़ेंगी।

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