28 साल बाद हत्या के आरोपी की गिरफ्तारी, गुजरात के वलसाड में छिपा था कल्लू सिंह

वाराणसी, जनमुख न्यूज़। 28 साल पुराने हत्या और हत्या के प्रयास के मामले में फरार चल रहे आरोपी को लंका थाने की पुलिस ने रविवार को गुजरात के वलसाड से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी भगवतीपुर निवासी 58 वर्षीय कल्लू सिंह उर्फ त्रिभुवन सिंह पर वाराणसी पुलिस ने ₹50,000 का इनाम घोषित कर रखा था। सोमवार को उसे अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया।
एडीसीपी काशी जोन सरवणन टी ने बताया कि 17 अप्रैल 1997 को लंका स्थित हेरिटेज हॉस्पिटल के तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी विधानचंद तिवारी की दो बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। फायरिंग में पास खड़े राजेश कुमार और महंथ यादव भी घायल हो गए थे। हमलावरों ने भागते समय नैपुरा कला में हिस्ट्रीशीटर मायाराम यादव उर्फ मायालू को भी गोली मारी थी। इन घटनाओं को लेकर लंका थाने में हत्या और हत्या के प्रयास की दो एफआईआर दर्ज हुई थीं।
पुलिस जांच में सामने आया कि यह वारदातें सीरगोवर्धनपुर निवासी बालेंदर सिंह उर्फ बल्ला और कल्लू सिंह ने अंजाम दी थीं। बालेंदर 2002 में चंदौली में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था, जबकि कल्लू तब से फरार था। उसके खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल हुआ और कुर्की की कार्रवाई भी हुई, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला।
हाल ही में गुजरात पुलिस को कल्लू के नाम-पते की जानकारी मिली, जिससे शंका होने पर वाराणसी पुलिस को सूचना दी गई। लंका थानाध्यक्ष शिवाकांत मिश्र ने टीम गठित कर दरोगा सिद्धांत कुमार राय और सिपाहियों के साथ वलसाड पहुंचकर कल्लू को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में कल्लू ने बताया कि घटना के कुछ दिनों बाद वह मुंबई होते हुए गुजरात चला गया था और वलसाड में गोंडा निवासी एक परिवार के यहां सिक्योरिटी गार्ड बनकर रहने लगा। वहां उसने अपना नाम त्रिभुवन सिंह बताया और किसी से संपर्क नहीं रखा। यहां तक कि उसके परिजन भी मान बैठे थे कि वह अब जीवित नहीं है।
कल्लू की पत्नी और बेटी की जानकारी पुलिस ने दी, लेकिन पत्नी ने मिलने से इनकार करते हुए कहा कि उसने जो गुनाह किया है, अब वही उसका दंड भुगते। कल्लू ने कबूल किया कि उसका दोस्त बालेंदर पेशेवर सुपारी किलर था और डॉक्टर की हत्या कर मेडिकल बिरादरी में दहशत फैलाकर रंगदारी वसूलना मकसद था। लेकिन गलती से विधानचंद तिवारी को डॉक्टर समझकर गोली मार दी गई।
कल्लू ने बताया कि वलसाड में एक व्यक्ति को धीरे-धीरे उसकी असलियत का पता चल गया, उसी ने पुलिस को जानकारी दी और वह गिरफ्तार हो गया।

