त्योहारों पर सख्ती: सीएम योगी ने दिए अराजक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश

लखनऊ, जनमुख न्यूज़। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्योहारों के मद्देनज़र प्रदेश में कड़ी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। बुधवार को उन्होंने अपने सरकारी आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शासन और फील्ड में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आगामी त्योहारों की तैयारियों और कानून-व्यवस्था की समीक्षा की।
सीएम ने कहा कि कांवड़ यात्रा, मोहर्रम और रथयात्रा जैसे आयोजनों के दौरान किसी भी प्रकार की शरारत, भड़काऊ नारेबाज़ी और हथियारों का प्रदर्शन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने आगाह किया कि कुछ अराजक तत्व जातीय संघर्ष फैलाने की साजिश रच सकते हैं। कौशांबी, इटावा और औरैया जैसी घटनाएं इसी का परिणाम हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कार्रवाई के लिए शासन से आदेश की प्रतीक्षा न करें, दोषियों को सार्वजनिक करें और सख्त कानूनी कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि डीजे, ताजिया और रथ की ऊंचाई निर्धारित सीमा से अधिक न हो और ध्वनि सीमा का पालन सुनिश्चित हो। शोभायात्राओं और जुलूसों के लिए पेड़ काटना या गरीबों का आश्रय हटाना स्वीकार्य नहीं होगा। कांवड़ मार्ग पर खुले में मांस बिक्री पर भी रोक रहेगी।
उन्होंने श्रावण मास और मोहर्रम के दौरान विशेष सतर्कता की आवश्यकता बताते हुए कहा कि 11 जुलाई से 9 अगस्त तक कांवड़ यात्रा, श्रावणी शिवरात्रि, नागपंचमी और रक्षाबंधन जैसे पर्व हैं, वहीं 27 जून से 8 जुलाई तक जगन्नाथ रथ यात्रा और मोहर्रम आयोजित होंगे। यह समय प्रशासनिक दृष्टिकोण से बेहद संवेदनशील है।
सीएम योगी ने कहा कि गाजियाबाद, मेरठ, बरेली, अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी, बाराबंकी और बस्ती सहित उत्तराखंड सीमा से सटे जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए। धार्मिक यात्राओं में अस्त्र-शस्त्र प्रदर्शन और धार्मिक प्रतीकों का राजनीतिक उपयोग सौहार्द को प्रभावित कर सकता है, इसलिए इस पर पूरी तरह रोक लगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा के लिए ड्रोन से निगरानी की जाए और सोमवार को शिवालयों में भीड़ प्रबंधन, स्वच्छता और ट्रैफिक व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए। मोहर्रम के जुलूसों में सुरक्षा और सामुदायिक संवाद को प्राथमिकता दी जाए और पिछली घटनाओं से सबक लिया जाए।
खाद्य सामग्री की दरें तय करने, ओवररेटिंग रोकने और दुकानों पर संचालक का नाम स्पष्ट रूप से प्रदर्शित कराने की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों को सौंपी गई है।

