कांग्रेस ने काशी में निकाली पोल खोल पदयात्रा, विकास कार्यों पर उठाए सवाल


वाराणसी, जनमुख न्यूज़। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की अगुवाई में कांग्रेस ने काशी में मोदी– योगी सरकार के विकास के दावों की पोल खोलने के लिए गुरुवार की शाम पदयात्रा निकाली।
पदयात्रा में सबसे पहले प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कैंट स्टेशन पर नाइट मार्केट जिसे ध्वस्त कर दिया गया है, वहां के पीड़ित दुकानदारों से मुलाकात कर उनकी व्यथा सुनी। तत्पश्चात पंडित कमलापति त्रिपाठी जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए काशीजनो संग वार्ता भेंट मुलाकात कर आगे बढ़ते हुए ,भारत माता मंदिर में पुष्पांजलि करते हुए ,सोनिया , औरंगाबाद, लक्सा,होते हुए गिरजाघर होते हुए चितरंजन पार्क पहुंचकर पोल–खोल पदयात्रा समाप्त हुआ।
रास्तेभर जलभराव, ध्वस्त सीवर , पीड़ित दुकानदार ,रोपवे के नाम लूट वे योजना के तहत काशीवासियों संग छलावा ,जाम की समस्या, कांवर यात्रियों शिवभक्तों की पीड़ा ,हर तरफ अव्यवस्था ,पीड़ितों की व्यथा देखने को मिला सच मानिए विकास तो नहीं बल्कि विनाश जरूर दिखा।आज काशी आर्टिफिशियल विकास के जद में है और यह सरकार काशी को बर्बाद करने के लिए वचनबद्ध है।पदयात्रा में बड़ी संख्या में कांग्रेसजन ,काशीवासी शामिल हुए।
पदयात्रा का संचालन जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल व महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने संयुक्त रूप से किया
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा की मोदी– योगी सरकार काशी में तथाकथित विकास का ढिंढोरा पिटना तत्काल बंद करे ,फर्जी विकास का पोल हर तरफ काशी की सड़कों पर खुला दिख रहा है।मोदी – योगी सरकार ने नाइट मार्केट प्रोजेक्ट के नाम पर काशी की जनता के साथ जो छल – कपट किया वह काशी में काले अक्षरों में दर्ज हो गया पीड़ित दुकानदार कभी माफ नहीं करेंगे पीड़ित दुकानदारों कभी भी इस सरकार को माफ नहीं करेंगे।बसाया ही क्यों था जब उजाड़ना ही था हद कर दिए मोदी जी – योगी जी काशी की जनता के पीठ व पेट दोनों पर आपने खतरा कायम कर दिया।यह पीड़ित दुकानदार काशीवासी मेरे परिवार के लोग है इनके साथ जो कृत्य आपकी सरकार ने किया निंदनीय है।11 करोड़ में से केवल 5-6 करोड़ रुपये ही वास्तविक निर्माण कार्यों पर खर्च हुए, शेष राशि कथित रूप से “कमीशनखोरी” की भेंट चढ़ गई।
उन्होंने यह भी कहा कि जिस उद्देश्य से इस नाइट मार्केट की शुरुआत हुई थी – यानी रोजगार सृजन – वह दम तोड़ चुका है।आज स्थिति यह है कि डेढ़-दो सौ दुकानदारों ध्वस्त कर दिया गया उनको न तो कोई वैकल्पिक स्थान दिया गया, न मुआवज़ा दिया गया।इस सरकार के आर्टिफिशियल प्रयोग ने काशी को काफी नुकसान किया है बिना भौगोलिक जानकारी के पुरातन शहर काशी में कार्य हो रहा है और मूलभूत जनसमस्या जस के तस है उससे भाजपा सरकार का कोई सरोकार नहीं है जमीनी हकीकत सच में अपने दर्द को बयां कर रहा है। कुछ दिन पहले काशी में पहली हुई बारिश में ही मोदी – योगी सरकार के सारे दावे फेल हो चुके थे चारों तरफ जलजमाव अव्यवस्था की स्थिति बनी थी और काशी की सड़कों पर विकास तैरता हुआ दिखाई दिया। आधा घंटे की बारिश अगर हो तो काशी में भाजपा का विकास तैरता दिखेगा।मोदी–योगी सरकार ने काशी को प्रयोगशाला बना दिया है।
खुद को धर्म का ठेकेदार बताने वाली भाजपा ने कांवड़ यात्रा के भक्तों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है सिर्फ और सिर्फ झूठ बोला जा रहा है सावन का माह कल से शुरू हो रहा है विभिन्न जगहों से बोल बम, डाक बम के रूप में भारी संख्या में शिवभक्त आयेंगे उनके लिए कोई अलग रास्ता नहीं बनाया गया है हर सावन में कावंड़ यात्रियों के लिए अलग रास्ता बनाया जाता था दर्शन के लिए लेकिन इस बार नहीं बनाया गया है स्तिथि इतनी खराब है की राहत ठहराव कैंप में न तो लाइट की व्यवस्था न तो पेयजल की व्यवस्था न तो रहने के पर्याप्त जगह है कैंप में शिवभक्तों से मिलकर उनकी व्यथा को देखा है गर्मी से शिवभक्त बेहाल है।
रोपवे यानी लूट वे योजना से सिर्फ एक रास्ता , लक्सा ,गिरजाघर गोदौलिया से रहेगा दर्शन खातिर होगा और वह भी बदहाल है।चारों तरफ कीचड़ ,जलभराव ,जर्जर सड़क भाजपा के विकास का पोल खोल रहा है।
अजय राय ने कहा कि चारों तरफ अव्यवस्था का अंबार लगा है।स्तिथि इतनी खराब है की बिना भौतिक जानकारी के काशी को बर्बाद किया जा रहा है रोपवे के नाम पर आज गिरजाघर से लेकर गोदौलिया तक आमजनजीवन अस्त व्यस्त है दुकानदारों की कमाई खत्म हो गई और तो और नालों की जानकारी तक सरकार को नहीं रही है रोपवे काशी के लिए लूट वे योजना है।
बारिश में काशी की सड़कों पर पानी का अंबार लगना इस बात को पुख्ता करता है की काशी के सासंद, जनप्रतिनिधियों,ट्रिपल इंजन की सरकार की सारे दावे फेल है काशी पुरातन संस्कृति का जीवंत शहर है यहां पर विकास कार्य को भौतिक जानकारी से होना चाहिए था परन्तु इस सरकार को काशी से अधिक अपनी मार्केटिंग की चिंता है।जलनिकासी व्यवस्था न होने से काशी की सड़कों पर जलजमाव, गलियों,और कॉलोनियों,दुकानों में लोगों को भारी जलभराव का सामना करना पड़ता है।कई सड़कों, बाजारों, दुकानों और सार्वजनिक स्थलों में घुटनों तक पानी भर जाता है। सड़कों पर कीचड़, फिसलन, बदबू फैलने से आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है। जलभराव से सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं।सड़कें तो पहले से ही जर्जर थीं, बरसात के कारणत उनकी हालत और ज्यादा खराब हो चुकी है। सड़क धँसने, आवागमन के दौरान लोगों के गिरकर चोटिल होने की खबरें आम हैं। मोदी–योगी सरकार हजारों करोड़ों रुपये खर्च करके विकास की बात करती है लेकिन बारिश होते ही अधिकांश जगहों पर व्यापक जलभराव की समस्या खड़ी हो जाती है।
सरकार यदि सीवर, ड्रैनेज की सफाई, जलनिकासी की सही ढंग से व्यवस्था करती है तो फिर इतना बुरा हाल नहीं होता। सफाई का जो पैसा शहर के सीवरेज सिस्टम, ड्रेनेज सफाई पर खर्च होना था, वो पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। शहर तो साफ नहीं हुआ रुपया साफ हो गया और झूठे विकास का खूब ढिंढोरा पीटा गया। काशी की पुरातन संस्कृति को बचाना हम काशीवासियों की जिम्मेदारी है क्योंकि मोदी जी 2029 में गुजरात वापिस चले जाएंगे और हम काशी के है आपके बीच ,आपके साथ हमेशा डट कर खड़े रहेंगे आपकी आवाज को उठाना और काशी को इस निकम्मी सरकार से बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है। हम काशीवासियों की काशी वह प्राचीन नगरी है जो सभ्यता, धर्म और परंपरा की प्रतीक है, अब तथाकथित विकास के नाम पर अपनी आत्मा खोने की कगार पर है।
अगर आज आवाज़ नहीं उठी, तो आने वाली पीढ़ियाँ केवल किताबों में काशी को खोजेंगी काशी की आत्मा को यह भाजपा सरकार मिटाना चाहता है इसलिए हम सब इस सरकार का पुरजोर विरोध करेंगे।काशी की आत्मा को बचाना हम सबका धर्म व जिम्मेदारी है और इस सरकार उसके काले कारनामों को आईना दिखाना उससे बड़ी जिम्मेदारी है क्योंकि सवाल ही समस्या का हल है। मोदी – योगी सरकार अपनी जवाबदारी तय करे और काशी को आर्टिफिशियल प्रयोगशाला न बनाए।
यात्रा के प्रारम्भ में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय व कांग्रेस जनो ने प्रशासन द्वारा नाईट मार्केट में उजाड़े गए पीड़ितों से मुलाकात किया व हर सम्भव लड़ाई लड़ने का भरोसा दिलाया।
पोल खोल पदयात्रा में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के साथ जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल ,महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे,धर्मेन्द्र तिवारी,फसाहत हुसैन बाबू,प्रमोद पाण्डेय, दुर्गा प्रसाद गुप्ता,मनीष मोरोलिया, गुलशन अली,ओम प्रकाश ओझा,सतनाम सिंह,वकील अंसारी,अरुण सोनी,राजीव गौतम,दिलीप चौबे,अशोक सिंह,राजू राम,अफरोज अंसारी,संतोष मौर्य,मयंक चौबे, राजेन्द्र गुप्ता,हाजी इस्लाम,आशिष केशरी,कुँअर यादव,दीपक यादव,रितेश चौरसिया,नरसिंह, प्रमोद वर्मा,हसन मेहदी कब्बन,ओम शुक्ला,मनोज दृवेदी,अब्दुल हमीद डोडे,बबलू बिंद,साजिद अंसारी,कैलाश पटेल,आशिष पटेल,रोहित दुबे,अनुभव राय, आशिष गुप्ता छांगुर,आकाश त्रिपाठी,विनीत चौबे,सैय्यद आदिल,बेलाल अहमद,असलम खां, अफसर खां, शशी सोनकर,समेत सैकडों कांग्रेसी कार्यकर्ता शामिल थे।

