सौम्याश्री आत्मदाह कांड: ओडिशा बंद से जनजीवन ठप, विपक्ष ने की न्यायिक जांच और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग

भुवनेश्वर, जनमुख न्यूज़। ओडिशा के बालेश्वर में छात्रा सौम्याश्री बीसी की आत्मदाह की घटना ने पूरे राज्य समेत देशभर में गुस्से की लहर पैदा कर दी है। इस मामले को लेकर लोगों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है और आज यानी गुरुवार, 17 जुलाई को कांग्रेस और वामपंथी दलों के इंडिया गठबंधन ने इस घटना के विरोध में 12 घंटे के ओडिशा बंद का आह्वान किया।
बंद का व्यापक असर देखा गया। राष्ट्रीय राजमार्ग, बाजार, स्कूल-कॉलेज, अदालतें, और परिवहन पूरी तरह से ठप रहे। बालेश्वर के शोरो इलाके में 16 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया गया, जिससे हजारों वाहन घंटों तक फंसे रहे। इसी तरह, जलेश्वर के लखननाथ और स्टेशन चौराहे पर बंद समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया और रास्ता अवरुद्ध किया। बंद के कई स्थानों से प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग है कि सौम्याश्री की आत्महत्या की न्यायिक जांच करवाई जाए। उनका आरोप है कि छात्रा ने केंद्र और राज्य सरकार दोनों से न्याय की गुहार लगाई थी, लेकिन उसकी आवाज अनसुनी रह गई। आंदोलनकारियों ने कहा कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक विरोध जारी रहेगा।
बालेश्वर रेलवे स्टेशन पर खड़गपुर-खुर्दा लोकल ट्रेन को भी रोका गया, लेकिन करीब 10 मिनट के भीतर आरपीएफ की टीम ने आंदोलनकारियों को प्लेटफॉर्म से हटा दिया।
आज के बंद में कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए, जिनमें संजीव गिरी, अरुण जेना, अर्चना नंदी, हेमलता दास, बसंती नायक जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं।
इससे पहले, बीजद ने भी मंगलवार को सौम्याश्री की मौत के विरोध में बंद रखा था। उस दिन भी स्कूल-कॉलेज बंद रहे और जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भक्त दास ने मांग की है कि केवल कॉलेज प्रशासन ही नहीं, बल्कि पुलिस अधीक्षक, जिला कलेक्टर, थाना प्रभारी (IIC), और स्थानीय विधायक को भी गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
इस मुद्दे पर कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यह आत्महत्या नहीं, बल्कि भाजपा के तंत्र द्वारा की गई एक सुनियोजित हत्या है।” राहुल ने आरोप लगाया कि पीड़िता ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई थी, लेकिन उसे न्याय की बजाय धमकियां, प्रताड़ना और अपमान मिला। जिन लोगों पर उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी थी, उन्हीं ने उसे तोड़ दिया।

आज का बंद सुबह से शाम 6 बजे तक चलेगा और इसमें पूरे राज्य के शैक्षणिक संस्थान भी बंद रखे गए हैं।
सौम्याश्री की मौत ने ओडिशा की राजनीति में उबाल ला दिया है और अब विपक्ष इसे भाजपा सरकार की विफलता करार देते हुए सड़कों पर उतर आया है।

