डालिम्स सनबीम स्कूल में महिला शिक्षिका यौन उत्पीड़न केस में कोर्ट सख्त, विवेचक दरोगा पर जांच के आदेश

वाराणसी, जनमुख न्यूज़। चर्चित डालिम्स सनबीम स्कूल में महिला शिक्षिका के साथ कथित यौन उत्पीड़न के मामले में वाराणसी की सीजेएम कोर्ट ने गंभीर रुख अपनाते हुए जांच प्रक्रिया पर कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने स्कूल परिसर में अश्लील हरकतों और शारीरिक संबंध बनाने के दबाव को प्रथम दृष्टया लैंगिक अपराध माना है। साथ ही, बिना मजिस्ट्रेट के समक्ष पीड़िता का बयान लिए ही 7 दिनों में फाइनल रिपोर्ट दाखिल करने पर कोर्ट ने विवेचक दरोगा अभय सिंह परिहार के खिलाफ कठोर विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष कुमार ने कहा कि केस की जांच न केवल संवेदनहीन रही बल्कि कानूनी मानकों के भी प्रतिकूल थी। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि विवेचक जानबूझकर स्कूल के डीन और प्रिंसिपल को संरक्षण देने की कोशिश कर रहे हैं। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को आदेश भेजकर दरोगा के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट 15 दिन में मांगी है।
इस केस में पीड़ित शिक्षिका ने स्कूल के डीन सुभोदीप डे पर छेड़खानी और अश्लील व्यवहार का आरोप लगाते हुए 28 मई को सिगरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। महिला टीचर का कहना है कि डीन ने उसे बार-बार फ्लैट पर बुलाने का दबाव बनाया और अश्लील बातें कीं। आरोप है कि जब उसने विरोध किया तो स्कूल प्रिंसिपल प्रतिभा त्रिवेदी ने उसका पक्ष सुने बिना ही उसे नौकरी से निकाल दिया।
एफआईआर दर्ज होने के महज सात दिन बाद ही केस में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी गई, जिसमें पीड़िता का मजिस्ट्रेटी बयान तक नहीं लिया गया। इस पर कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई और जांच को पक्षपातपूर्ण करार दिया।
अब इस केस में पुन: विवेचना की संभावना जताई जा रही है और अगर जांच को प्रभावित करने की बात साबित होती है तो डीन, प्रिंसिपल समेत संबंधित पुलिसकर्मियों पर भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है। कोर्ट की सख्ती के बाद पीड़ित महिला को न्याय की उम्मीद फिर से जागी है।
विधिक जानकारों के मुताबिक, यदि कोर्ट ने फाइनल रिपोर्ट को खारिज किया, तो मामले में दोबारा गंभीर धाराओं में जांच शुरू की जा सकती है।

