2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस में बड़ा फैसला: बॉम्बे हाईकोर्ट ने 12 दोषियों को बरी किया

मुंबई, जनमुख न्यूज़। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को 2006 के बहुचर्चित मुंबई लोकल ट्रेन विस्फोट मामले में 12 लोगों की दोषसिद्धि को रद्द कर दिया। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी को बरी कर दिया और कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है। यह फैसला उस आतंकी हमले के 19 साल बाद आया है, जिसमें 180 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और सैकड़ों घायल हुए थे।
सबूतों की कमी, दोषसिद्धि रद्द
न्यायमूर्ति अनिल किलोर और न्यायमूर्ति श्याम चांडक की विशेष पीठ ने फैसले में स्पष्ट किया कि अभियोजन द्वारा पेश किए गए साक्ष्य आरोपी व्यक्तियों को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं थे।
कोर्ट ने कहा: “यह विश्वास करना कठिन है कि आरोपियों ने यह अपराध किया है। अभियोजन पक्ष अपनी बात साबित नहीं कर सका, इसलिए उनकी दोषसिद्धि रद्द की जाती है।”
हाईकोर्ट ने पांच को सुनाई गई मौत की सजा और सात को दी गई आजीवन कारावास की सजा को रद्द कर दिया। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि यदि आरोपी किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हैं, तो उन्हें तुरंत रिहा किया जाए।
2015 में हुई थी सजा, अब राहत
इस मामले में 2015 में एक विशेष अदालत ने 12 लोगों को दोषी करार दिया था। पांच को मौत की सजा और सात को उम्रकैद दी गई थी। मौत की सजा पाने वाले दोषियों में कमाल अंसारी (अब मृत), मोहम्मद फैसल अताउर रहमान शेख, एहतेशाम कुतुबुद्दीन सिद्दीकी, नवीद हुसैन खान और आसिफ खान शामिल थे। विशेष अदालत ने उन्हें बम लगाने और कई अन्य आरोपों में दोषी पाया था। जबकि तनवीर अहमद मोहम्मद इब्राहिम अंसारी, मोहम्मद माजिद मोहम्मद शफी, शेख मोहम्मद अली आलम शेख, मोहम्मद साजिद मरगूब अंसारी, मुजम्मिल अताउर रहमान शेख, सुहैल महमूद शेख और ज़मीर अहमद लतीउर रहमान शेख को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। आरोपियों में से एक वाहिद शेख को 2015 में ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया था। सोमवार को हाईकोर्ट का फैसला सुनाए जाने के दौरान दोषियों को राज्य की विभिन्न जेलों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश किया गया। उन्होंने कोर्ट और अपने वकीलों का आभार जताया।
क्या हुआ था 11 जुलाई 2006 को?
11 जुलाई 2006 को मुंबई की पश्चिमी रेलवे लाइन पर चल रही लोकल ट्रेनों में सात जगहों पर सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। ये धमाके एक घंटे के भीतर हुए, जिनमें 180 से अधिक लोगों की जान गई थी और 800 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। यह घटना मुंबई के इतिहास के सबसे भयावह आतंकी हमलों में से एक मानी जाती है।

