मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण पर चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, विपक्ष ने जताई आपत्ति

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। बिहार में चुनाव आयोग द्वारा किए जा रहे मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष लगातार संसद से लेकर सड़क तक विरोध जता रहा है। इस बीच शुक्रवार को चुनाव आयोग ने एक बड़ा एलान किया है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि अब पूरे देश में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण शुरू किया जाएगा और इसके लिए जल्द ही शेड्यूल भी जारी किया जाएगा।
चुनाव आयोग ने बताया कि 24 जून को ही इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए थे। आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया संविधान के तहत उनकी जिम्मेदारी है और इसका उद्देश्य मतदाता सूची की शुद्धता और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
आयोग द्वारा जारी बयान में कहा गया है, “मतदाता सूची की अखंडता बनाए रखना स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की बुनियाद है।” इसके तहत जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और रजिस्ट्रेशन ऑफ इलेक्टर्स रूल्स, 1960 के प्रावधानों के अनुसार यह कार्य किया जा रहा है।
बिहार में यह विशेष गहन पुनरीक्षण 25 जून से 26 जुलाई 2025 तक चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य फर्जी, अयोग्य या एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत मतदाताओं को सूची से हटाना है।
हालांकि, विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि इस गहन पुनरीक्षण की आड़ में सरकार नागरिकता की जांच कर रही है और इससे बड़े पैमाने पर लोगों को उनके वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा सकता है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि अगर किसी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची से हटाया जाता है, तो इसका यह अर्थ नहीं है कि उसकी नागरिकता भी समाप्त हो गई है। आयोग ने लोगों से इस प्रक्रिया को लेकर आश्वस्त रहने की अपील की है।

