भारत में अलग-अलग स्थान पर कैसे मनाया जाता है नाग पंचमी का त्यौहार

नाग पंचमी भारत में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे श्रावण माह की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार विशेष रूप से नागों या सर्पों की पूजा के लिए समर्पित होता है। अलग-अलग क्षेत्रों में नाग पंचमी की पूजा की विधियां और परंपराएं…
नाग पंचमी भारत में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे श्रावण माह की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार विशेष रूप से नागों या सर्पों की पूजा के लिए समर्पित होता है। अलग-अलग क्षेत्रों में नाग पंचमी की पूजा की विधियां और परंपराएं भिन्न हो सकती हैं।
उत्तर भारत: उत्तर भारत के राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा में नाग पंचमी पर लोग अपने घरों के आंगन या देवालयों में सर्पों की पूजा करते हैं। महिलाएं इस दिन व्रत रखती हैं और सर्प चित्रों को दूध और चढ़ावे अर्पित करती हैं। वे अपने परिवार की सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करती हैं। इस दिन लोग विशेष रूप से सर्प के चित्रों या प्रतिमाओं को घर में स्थापित करते हैं और उनकी पूजा करते हैं।
मध्य भारत: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी नाग पंचमी विशेष धूमधाम से मनाई जाती है। यहां लोग सांपों के वास्तविक रूप की पूजा करते हैं और उनके बिच्छू या चूहे के बर्तन में दूध भरकर अर्पित करते हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ स्थानों पर सांपों की विशेष
पूजा के लिए मंदिरों की यात्रा की जाती है।
दक्षिण भारत: दक्षिण भारत में नाग पंचमी को सर्प पंचमी के नाम से जाना जाता है। यहां लोग घर के आंगन में नागों की प्रतिमा या चित्र बनाकर उनकी पूजा करते हैं। विशेष रूप से कर्नाटक और तमिलनाडु में इस दिन नाग पूजा के लिए मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जमा होते हैं।
पश्चिम भारत: गुजरात और महाराष्ट्र में भी नाग पंचमी का
महत्व है। लोग इस दिन नागों के चित्र या मूर्तियों की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। पूजा के दौरान घर में विशेष पकवान तैयार किए जाते हैं और बच्चों को नाग पंचमी के अवसर पर मिठाइयां दी जाती हैं।
इस प्रकार नाग पंचमी का त्योहार भारतीय संस्कृति में नागों के प्रति श्रद्धा और सम्मान की भावना को प्रकट करता है और विभिन्न स्थानों पर इसे अपनी-अपनी परंपराओं के अनुसार मनाया जाता है।

