लोकसभा में अमित शाह का बड़ा खुलासा: ऑपरेशन महादेव में तीनों आतंकी ढेर, NIA जांच से निकले अहम सबूत

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। लोकसभा में मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले और उसके जवाब में चलाए गए ऑपरेशन महादेव पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बर्बर हमले में शामिल तीनों आतंकियों को मार गिराया गया है। शाह ने कहा कि हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा के ए-ग्रेड आतंकियों का हाथ था।
गृह मंत्री ने बताया कि भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान “ऑपरेशन महादेव” के तहत तीनों आतंकियों—सुलेमान उर्फ फैजल, अफगान और जिब्रान को ढेर किया गया। ये सभी आतंकी बैसारन घाटी में निर्दोष नागरिकों की हत्या में शामिल थे।
धर्म पूछकर की गई हत्याएं:
शाह ने बताया कि पहलगाम में आतंकियों ने लोगों की उनके धर्म पूछकर हत्या की, जिसे उन्होंने “बर्बर और अमानवीय” करार दिया। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई और आतंकियों के खात्मे को राष्ट्रीय सुरक्षा की बड़ी उपलब्धि बताया।
शवों की पहचान और गिरफ्तारियां:
शाह ने बताया कि जिन लोगों ने आतंकियों को मदद पहुंचाई थी, उन्हें पहले ही हिरासत में ले लिया गया था। जब मारे गए आतंकियों के शव श्रीनगर लाए गए, तो उनकी पहचान इन्हीं सहयोगियों से करवाई गई।
ऑपरेशन की पुष्टि बैलिस्टिक रिपोर्ट से:
गृह मंत्री ने लोकसभा में बैलिस्टिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ऑपरेशन महादेव में जिन हथियारों से गोलियां चलाई गईं, वे वही थीं जो पहलगाम हमले में इस्तेमाल हुई थीं। उन्होंने कहा, “मोदी सरकार ने न सिर्फ आतंकियों को मारा, बल्कि उन्हें भेजने वालों को भी खत्म किया।”
एनआईए जांच और 1055 गवाहों से पूछताछ:
शाह ने बताया कि इस आतंकी हमले की जांच NIA को सौंपी गई थी। जांच एजेंसी ने 1055 लोगों से पूछताछ की, जिनमें पर्यटक, दुकानदार, खच्चर संचालक आदि शामिल थे। इनके बयान वीडियो में रिकॉर्ड किए गए। इन्हीं बयानों के आधार पर आतंकियों के स्केच बनाए गए।
अमित शाह का कांग्रेस पर हमला:
गृह मंत्री ने ऑपरेशन की सफलता पर कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा, “जब आतंकियों के मारे जाने की खबर दी तो लगा था कि सदन में खुशी की लहर दौड़ेगी, लेकिन विपक्ष के चेहरों पर तो जैसे स्याही छा गई।” उन्होंने विपक्ष पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई से भी नाराज होने का आरोप लगाया।
आतंकियों की वेशभूषा और हथियार:
जांच में पता चला कि तीनों आतंकी हमले से पहले बैसारन के ढोक इलाके में रुके थे। दो ने काली पोशाक और एक ने छद्म वेश धारण किया था। उन्होंने एके-47 और एम कार्बाइन जैसे अत्याधुनिक हथियारों से हमला किया था। ऑपरेशन महादेव में मारे गए आतंकियों की पहचान गवाहों और गिरफ्तार आरोपियों ने की।

