राहुल गांधी का लोकसभा में तीखा हमला: ऑपरेशन सिंदूर से पहले विपक्ष एकजुट था, सरकार की ‘राजनीतिक इच्छाशक्ति’ पर उठाए सवाल

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। लोकसभा में मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए पाकिस्तान पर जोरदार हमला बोला और भारतीय सेना की बहादुरी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह हमला पूरी तरह से पाकिस्तान सरकार द्वारा प्रायोजित था, जिसमें निर्दोष नागरिकों की क्रूरता से हत्या की गई।
राहुल गांधी ने कहा कि हम सभी ने एक स्वर में पाकिस्तान की निंदा की और सेना व सरकार के साथ खड़े रहे। उन्होंने बताया कि वह नरवाल (कश्मीर) और कानपुर में हमले में मारे गए लोगों के परिवारों से मिले। उन्होंने भारतीय जवानों को ‘टाइगर’ बताया और कहा कि भारतीय सेना देश के लिए हमेशा जान देने को तैयार रहती है।
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले ही पूरा विपक्ष सरकार के साथ एकजुट था और किसी तरह की राजनीतिक आलोचना नहीं की। इंडिया गठबंधन ने मिलकर यह फैसला लिया कि ऐसे गंभीर मुद्दों पर विपक्ष, सरकार के साथ एक चट्टान की तरह खड़ा रहेगा।
राहुल गांधी ने सरकार की “राजनीतिक इच्छाशक्ति” पर सवाल उठाते हुए कहा कि जैसे 1971 में इंदिरा गांधी ने जनरल मानेकशॉ को कार्रवाई की पूरी छूट दी थी, वैसी स्वतंत्रता और स्पष्टता आज के राजनीतिक नेतृत्व में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह ने स्वीकार किया कि ऑपरेशन सिंदूर महज 22 मिनट चला और 1:35 बजे ही पाकिस्तान को सूचित कर दिया गया कि भारत तनाव नहीं बढ़ाना चाहता।
राहुल ने पूछा, “जब आपने कहा कि हम सैन्य ढांचों को निशाना नहीं बनाएंगे, तो क्या ये संकेत नहीं था कि भारत लड़ाई को और आगे नहीं ले जाना चाहता?” उन्होंने दावा किया कि सेना को पूरी सैन्य कार्रवाई की छूट नहीं दी गई और यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान को पहले ही भारत के एयर मिशन की जानकारी चीन के ज़रिए मिली।
राहुल गांधी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पांच भारतीय विमानों के नुकसान का ज़िक्र करते हुए कहा, “अगर मेरी बात मानी होती तो वो विमान नहीं खोते।” उन्होंने भारत की सैन्य कार्रवाई में पारदर्शिता और पूर्ण स्वतंत्रता की आवश्यकता पर बल दिया।

