सत्येंद्र जैन को राहत: पीडब्ल्यूडी घोटाले में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट ने स्वीकार की, सुबूतों के अभाव में जांच समाप्त

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में कथित अनियमित नियुक्तियों और असंबंधित परियोजनाओं से भुगतान के आरोपों से जुड़े एक मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन और अन्य के खिलाफ दर्ज केस में कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार कर ली है।
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश दिग्विनय सिंह ने कहा कि वर्षों तक चली जांच के बावजूद आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम या अन्य किसी अपराध के अंतर्गत मुकदमा चलाने के लिए कोई ठोस सुबूत नहीं मिले। उन्होंने यह भी कहा कि केवल कर्तव्य की उपेक्षा या उसके अनुचित प्रयोग को भ्रष्टाचार नहीं माना जा सकता, जब तक कोई स्पष्ट लाभ, रिश्वत या आपराधिक मंशा साबित न हो।
यह मामला 2018 में दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था। आरोप था कि सत्येंद्र जैन और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए एक “क्रिएटिव टीम” के सलाहकारों की अनियमित नियुक्ति की थी। इसके अलावा, बारापुला फेज-तीन जैसी असंबंधित परियोजनाओं से भुगतान किए जाने का भी आरोप था, जिसमें वित्त विभाग की पूर्व स्वीकृति नहीं ली गई थी।
करीब चार वर्षों तक चली जांच के बाद सीबीआई इस नतीजे पर पहुंची कि न तो किसी प्रकार की रिश्वतखोरी हुई और न ही कोई आपराधिक साजिश का प्रमाण मिला। अदालत ने सीबीआई की इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया।
हालांकि कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में किसी भी आरोपी के खिलाफ कोई नई सामग्री सामने आती है, तो जांच एजेंसी उस पर पुनः कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगी।

