अमेरिका के टैरिफ फैसले पर भारत की कड़ी आपत्ति, विदेश मंत्रालय ने बताया अनुचित और अन्यायपूर्ण

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। भारत पर अमेरिका द्वारा अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले पर विदेश मंत्रालय ने कड़ी आपत्ति जताई है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बुधवार को तीखा बयान जारी करते हुए कहा कि अमेरिका का यह कदम “अनुचित, अन्यायपूर्ण और गैरवाजिब” है। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया, खासकर ऐसे समय में जब कई अन्य देश भी अपने-अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए नीतिगत फैसले ले रहे हैं।
प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार के किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है और वैश्विक व्यापार मानकों का पूरी तरह से पालन किया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए आवश्यक सभी कदम उठाएगा।
गौरतलब है कि अमेरिका ने यह टैरिफ भारत द्वारा रूस से सस्ते दामों पर तेल आयात को लेकर चिंता जताते हुए लगाया है। इस पर भारत ने पलटवार करते हुए कहा है कि वह अपनी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विविध स्रोतों से आपूर्ति जारी रखेगा।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30 जुलाई को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘सोशल ट्रुथ’ पर घोषणा की थी कि भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। उन्होंने लिखा कि भारत हमारा मित्र है, लेकिन उसके टैरिफ और व्यापारिक बाधाएं विश्व में सबसे ज्यादा हैं। उन्होंने भारत द्वारा रूस से हथियारों और ऊर्जा की खरीद को लेकर भी नाराजगी जताई।
ट्रंप ने 6 अगस्त को इस टैरिफ निर्णय पर दस्तखत कर दिए हैं। हालांकि यह अतिरिक्त टैरिफ तत्काल प्रभाव से लागू नहीं होगा, बल्कि 27 अगस्त से प्रभावी होगा। भारत सरकार ने इसे अमेरिका के रणनीतिक हितों से जुड़ा फैसला बताते हुए खारिज किया है और कहा है कि यह दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में तनाव का कारण बन सकता है।
भारत ने स्पष्ट किया है कि ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति उसका संप्रभु अधिकार है और वह विविध स्रोतों से अपनी ऊर्जा सुरक्षा को प्राथमिकता देता रहेगा।

