विजन डॉक्यूमेंट पर 24 घंटे की चर्चा के बाद सीएम योगी का जवाब, सपा पर कसा तंज

लखनऊ, जनमुख न्यूज़। यूपी विधानसभा में विजन डॉक्यूमेंट पर लगातार 24 घंटे चली चर्चा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को सदन में जवाब दिया। उन्होंने बताया कि इस बहस में सत्ता पक्ष और विपक्ष के कुल 187 सदस्यों ने भाग लिया। सीएम ने सभी नेताओं का आभार जताते हुए कहा कि विचारधारा भले अलग हो, लेकिन प्रदेश के विकास के लिए सभी एकजुट हैं।
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी की पहली इनवेस्टर्स समिट में स्पष्ट कहा था कि देश का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य अब पूरे देश की उम्मीदों का केंद्र बन चुका है। उन्होंने स्वतंत्रता के 78 वर्षों के अवसर पर 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प का जिक्र किया और कहा कि इस लक्ष्य की प्राप्ति में हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
चर्चा के दौरान सीएम ने विपक्ष पर भी तंज कसे। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब वह अपने विवेक से बोलते हैं, तो अच्छा बोलते हैं। एक शेर पढ़ते हुए उन्होंने कहा — “बड़ा हसीन है उनकी जबान का जादू, लगा के आग बहारों की बात करते हैं। जिन्होंने रात में बेखौफ बस्तियां लूटीं, वही नसीब के मारों की बात करते हैं।”
सपा पर प्रहार करते हुए योगी ने कहा कि ये लोग “कूप मंडूक” हैं और अब पीडीए यानी “परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी” की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि पिछले आठ वर्षों में सरकार ने समाज के वंचित वर्ग को मजबूत किया है। पहले त्योहारों में चीन का सामान बिकता था, अब यूपी के कारीगरों द्वारा बनाए गए उत्पाद बाजार में नजर आते हैं।
सैफई महोत्सव पर भी उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि सपा के समय विदेशी बग्घियां मंगाई जाती थीं, और खुद को समाजवादी कहने वाले सिर्फ नारे तक सीमित थे।
मुख्यमंत्री ने गिनाई उपलब्धियां
मुख्यमंत्री ने यूपी की आर्थिक प्रगति के प्रभावशाली आंकड़े पेश किए। उन्होंने बताया कि 2016-17 में यूपी की जीएसडीपी 13 लाख करोड़ रुपये थी, जो इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। राष्ट्रीय जीडीपी में यूपी का योगदान 8 फीसदी से बढ़कर 9.5 फीसदी हो गया है। प्रति व्यक्ति आय 43 हजार रुपये से बढ़कर 1 लाख 20 हजार रुपये तक पहुंच चुकी है। निर्यात 84 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1 लाख 86 हजार करोड़ रुपये हो गया है और राज्य का बजट 3 लाख करोड़ से बढ़कर 8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। नीति आयोग के फिसिकल हेल्थ इंडेक्स में 8.9 अंकों का सुधार दर्ज किया गया है। डिजिटल लेनदेन 122 करोड़ रुपये से बढ़कर 1400 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी बीमारू राज्य से रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बनने की ओर अग्रसर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में देश की 16 फीसदी आबादी निवास करती है, लेकिन 2016-17 तक राष्ट्रीय जीडीपी में उसकी हिस्सेदारी 14 फीसदी से घटकर 8 फीसदी रह गई थी। प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत की तुलना में एक तिहाई रह गई थी। लेकिन 2017 के बाद यूपी ने कोविड महामारी के बावजूद राष्ट्रीय औसत से बेहतर आर्थिक विकास दर हासिल की। मुख्यमंत्री ने यूपी को विकास और सुशासन का मॉडल बनाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि यूपी अब केवल भारत का एक हिस्सा भर नहीं, बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का नेतृत्व करने वाला राज्य बन रहा है। निवेशकों का भरोसा, युवाओं को रोजगार, किसानों को राहत और आम नागरिकों को बेहतर सुविधाएं यूपी की नई पहचान हैं।

