सौ साल बाद पितृपक्ष में चंद्र-सूर्य ग्रहण का संयोग, 7 सितंबर को काशी विश्वनाथ मंदिर समय से पहले बंद होंगे कपाट

वाराणसी, जनमुख न्यूज़। सात सितंबर को लगने वाले खग्रास चंद्रग्रहण के चलते श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के कपाट निर्धारित समय से 2 घंटे 27 मिनट पहले ही बंद कर दिए जाएंगे। इस दिन बाबा की चारों प्रहर की आरतियां समय से पूर्व ही संपन्न होंगी।
मंदिर प्रशासन के अनुसार, संध्या आरती शाम 4:00 से 5:00 बजे, शृंगार भोग आरती 5:30 से 6:30 बजे, और शयन आरती 7:00 से 7:30 बजे तक कराई जाएगी। शयन आरती के बाद मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे।
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, यह अवसर विशेष है क्योंकि लगभग सौ साल बाद पितृपक्ष में चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण का संयोग बन रहा है। चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा जबकि सूर्यग्रहण भारत से दृश्य नहीं होगा।
काशी में चंद्रग्रहण का समय रात 9:57 से 11:41 बजे तक रहेगा और इसका मोक्ष रात 1:27 बजे होगा। ग्रहण से नौ घंटे पूर्व ही सूतक काल आरंभ हो जाएगा।
हालांकि, परंपरा के अनुसार श्री काशी विश्वनाथ पर सूतक का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन जनमानस के लिए यह मान्य होता है। इसी कारण ग्रहण के स्पर्श से लगभग दो घंटे पहले मंदिर के कपाट बंद करने की परंपरा निभाई जाती है।

