अमेरिकी अदालत ने ट्रंप के टैरिफ को अवैध बताया, अब सुप्रीम कोर्ट में होगी अंतिम लड़ाई

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। अमेरिका की संघीय अपीलीय अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए अधिकांश आयात शुल्क (टैरिफ) को अवैध करार दिया है। अदालत ने निचली अदालत के फैसले पर मुहर लगाते हुए कहा कि ट्रंप ने अपनी आपातकालीन शक्तियों का गलत इस्तेमाल किया और कार्यकारी आदेशों के जरिए टैरिफ लगाने का अधिकार उन्हें संविधान से प्राप्त नहीं है।
अदालत ने स्पष्ट किया कि टैक्स और टैरिफ लगाने की शक्ति केवल अमेरिकी संसद (कांग्रेस) के पास है, न कि राष्ट्रपति के पास। 11 जजों की पीठ में 7 जजों ने ट्रंप के कदम को गैरकानूनी बताया, जबकि 4 जज असहमत रहे। कोर्ट का आदेश 14 अक्टूबर से लागू होगा। तब तक सभी टैरिफ प्रभावी रहेंगे।
गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन ने भारत और ब्राजील जैसे देशों पर 50% तक टैरिफ लगाया था। अदालत के इस फैसले से वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं को राहत की उम्मीद जगी है, हालांकि भारत के लिए तत्काल कोई राहत नहीं मिली है क्योंकि मौजूदा शुल्क फिलहाल जारी रहेंगे।
ट्रंप ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अगर ये टैरिफ हट गए तो यह हमारे देश के लिए आपदा होगा।” वहीं व्हाइट हाउस ने संकेत दिया है कि प्रशासन इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा।
माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट अक्टूबर के पहले सप्ताह से सुनवाई शुरू कर सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार यह मुकदमा राष्ट्रपति और संसद की शक्तियों की सीमाओं को परिभाषित करने वाला ऐतिहासिक फैसला बन सकता है। अगर ट्रंप प्रशासन सुप्रीम कोर्ट में भी हार गया, तो अमेरिकी सरकार को आयातकों से वसूले गए भारी-भरकम टैरिफ वापस लौटाने होंगे।

