तेलंगाना के खम्मम में ३० साल की सबसे भयंकर बाढ़

हैदराबाद, जनमुख न्यूज। तेलंगाना में मुन्नारू नदी के पास खम्मम जिले की २५ कॉलोनियों में फैले ६०० से ज़्यादा घर मंगलवार सुबह भी पानी में डूबे रहे क्योंकि पिछले ४८ घंटों में दक्षिणी राज्य में भारी बारिश ने कहर बरपाया है। खम्मम, महबूबाबाद, मनुगुरु और कोडाद के स्थानीय लोगों को अपने घरों की ऊपरी मंजिलों पर भागना पड़ा, क्योंकि बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया था, कुछ इलाकों में पानी १० फ़ीट तक ऊपर चला गया था।कई लोग बाढ़ में घंटों तक फंसे रहे, कई लोगों को इस बात की चिंता सता रही थी कि उन्हें बचाया जाएगा या कम से कम, जीवित रहने के लिए पानी और भोजन मुहैया कराया जाएगा। कई लोगों को मजबूरन ऊंची जगहों पर भागना पड़ा, रिश्तेदारों के घरों और पुनर्वास केंद्रों में शरण लेनी पड़ी और उन्होंने सरकार से सहायता की अपील की।एहतियात के तौर पर अधिकारियों ने प्रभावित इलाकों में बिजली आपूर्ति काट दी, जिससे २५ कॉलोनियों में आधी रात को लोग बिना बिजली के रह गए। अधिकारियों के अनुसार, शहर में रविवार को सात घंटे में १६.५ सेमी की भारी बारिश दर्ज की गई जिसके बाद भारी बाढ़ आ गई और जलस्तर ३६ फीट तक पहुंच गया, जो २०२२ के रिकॉर्ड ३०.७५ फीट को पार कर गया। मुन्नेरू में बाढ़ के दौरान, पलेरू, किन्नरसानी और पलवागु नदियों ने भी काफी नुकसान पहुंचाया, जो रिहायशी इलाकों में फैल गई और पूरे जिले को झील में बदल दिया।अनुमानित वित्तीय नुकसान ५,००० करोड़ से अधिक है क्योंकि सड़कें, पुल, राष्ट्रीय राजमार्ग और साथ ही सिंचाई विभाग के तहत १९६ तालाब और ६४ नहरें गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। उल्लेखनीय है कि खम्मम में लोगों ने शहर में ऐसी आपदा को देखे हुए ३० साल हो गए हैं। लोग इस तबाही का कारण मुन्नेरू के पास कथित अनधिकृत और बेरोकटोक निर्माण को मानते हैं। कई लोगों ने आरोप लगाया कि खम्मन जिले का प्रतिनिधित्व करने वाले तीन मंत्रियों के बावजूद सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली।

