विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की गारंटियों ने बढ़ाई चिंता

नई दिल्ली,जनमुख न्यूज। विधानसभा चुनाव को लेकर हरियाणा में चुनावी महफिल सज चुकी है। एक तरफ जहाँ कांग्रेस की ७ गारंटियों का वादा है तो दूसरी तरफ बीजेपी का २० सूत्री संकल्प पत्र है। मैदान में यही दोनों प्रमुख पार्टियां हैं, इसलिए इनकी घोषणाओं पर चर्चा आवश्यक है। क्योंकि, सवाल हरियाणा के लोगों और उनके महत्वपूर्ण ५ वर्ष का है। चुनाव हैं तो ‘मुफ्त के वादे’ भी दोनों ओर से किए जाने स्वाभाविक हैं। लेकिन, प्रश्न उठता है कि कौन से वादे वित्तीय रूप से व्यवहारिक हैं और कौन से सिर्फ वोट पाने के लिए सस्ते चुनावी हथकंडे हैं?हरियाणा में बीजेपी ने महिलाओं को लाडो लक्ष्मी योजना के तहत हर महीने २,१०० रुपए देने का वादा किया है। इसके अलावा गृहिणी योजना के तहत ५०० रुपए में एलपीजी सिलेंडर देने का भी संकल्प जताया गया है। अव्वल बालिका योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में कॉलेजों में पढ़ने वाली हर छात्राओं को स्कूटर देने का भी वादा किया गया है। यह आखिरकार वित्तीय दबाव बढ़ाने वाले कहे जा सकते हैं। हालांकि, तथ्य ये है कि पार्टी ने ऐसे वादे करके जिन राज्यों में चुनाव जीते हैं। वहां वह इन पर सफलतापूर्वक अमल कर रही और इससे सरकारी खजाने पर कोई संकट भी नहीं आया है, यह तथ्य पार्टी के पक्ष में जाता है।कर्नाटक में कांग्रेस ने ५ गारंटियों वाली चुनावी रेवड़ी से शुरुआत की थी। उसकी लॉटरी लग गई और वहां सरकार बना ली। तेलंगाना में गारंटियों की संख्या बढ़ाकर ६ कर दी और वहां भी १० साल पुरानी बीआरएस सरकार को सत्ता से बेदखल करने में सफल हो गई। पार्टी को लग रहा है कि हरियाणा की जनता को ७ रेवड़ियों का भरोसा देकर वह पार्टी के सामने १० वर्षों से पैदा हुए सूखे की स्थिति को हरियाली में बदल सकती है। पार्टी ने हरियाणा में १८ से ६० साल तक की महिलाओं को हर महीने २,००० रुपए का भत्ता देने का वादा किया है। इसने भी ५०० रुपए में सिलेंडर देने की बात कही है।

