आदमपुर सीट को भेदना नहीं है आसान

नई दिल्ली,जनमुख न्यूज। हरियाणा की राजनीति में आदमपुर विधानसभा सीट का राजनीतिक महत्व बेहद है। इस विधानसभा सीट में जाटों की बहुलता है। तो वहीं अनुसूचित जाति और अन्य समुदायों की भी संख्या अच्छी-खासी है। इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय भजनलाल के परिवार का कब्जा रहा है। बता दें कि १५ चुनावों में हर बार यहां पर प्रत्याशी और पार्टियां बदलती रहीं, लेकिन इस सीट पर भजनलाल के परिवार का कब्जा कायम रहा। ऐसे में एक बार फिर आदमपुर विधानसभा सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प देखने को मिल रहा है। अब सवाल यह है कि पिछले ५६ सालों से यहां पर बजने वाली ‘भजन धुन’ को अन्य पार्टियां रोकने में कामयाब होंगी या नहीं।बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव २०२४ में भारतीय जनता पार्टी ने कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को आदमपुर सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। भव्य बिश्नोई पर्ू्व मुख्यमंत्री भजनलाल के पोते हैं। वह साल २०२२ के उपचुनाव के दौरान पहली बार आदमपुर विधानसभा सीट से विधायक बने थे।वहीं भाजपा प्रत्याशी भव्य बिश्नोई को टक्कर देने के लिए कांग्रेस पार्टी ने चंद्र प्रकाश को चुनावी मैदान में उतारा है। भजन परिवार के सामने बदल-बदल कर विपक्षी उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरते रहे हैं। लेकिन अभी तक उनका यह किला अभेद्य रहा है। चंद्र प्रकाश कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि क्या वह भजनलाल के इस अभेद्य किले को भेद पाएंगे।

