झांसी में कुत्ते की तेरहवीं पर 1000 को कराया भोज

उत्तर प्रदेश ,जनमुख न्यूज । बिट्टू ये एक ऐसा नाम था ।जो किसी बेजुबान की पहचान था। मगर वो अब इस दुनिया को अलविदा कह गया। अब बस बची हैं तो उसके साथ १३ साल बिताए गए पलों की यादें, जो उसके मालिक के जहन में बस । जिन्होंने उसे कभी जानवर नहीं समझा, बल्कि अपने बच्चे की तरह पाला।बिट्टू की मौत के बाद बेजुबान के मालिक अंतिम संस्कार कर उसकी अस्थियां प्रयागराज ले गए। वहां गंगा नदी में अस्थियां प्रवाहित की। इसके बाद उसकी आत्मशांति के लिए हवन कराया और फिर तेरहवीं भोज भी कराया। जिसमें १००० लोगों को खीर, पूड़ी, सब्जी, गुलाब जामुन आदि पकवान खिलाए गए। पूरा मामला झांसी जिले के रक्सा क्षेत्र के सुजवाह गांव का है।सुजवाह गांव निवासी संजीव सिंह परिहार अपनी पत्नी माला के साथ रहते हैं। उनके कोई संतान नहीं है। संजीव बताते हैं कि १३ साल पहले पोमेरेनियन नस्ल के दो डॉग घर लाया था। एक का नाम बिट्टू रखा और दूसरे का नाम पायल। जैसे-जैसे वे बड़े हुए, उनसे लगाव बढ़ता चला गया।एक दिन सांप उनकी तरफ बढ़ रहा था। संजीव नहीं देख पाए, मगर बिट्टू की नजर पड़ गई। बिट्टू ने पटककर सांप को मार डाला और संजीव को बचा लिया। तब से संजीव और उनकी पत्नी माला दोनों डॉग को अपने बच्चों की तरह मानने लगे थे। उनसे विशेष लगाव हो गया था।

