रोहिणी नक्षत्र में करें करवाचौथ का पूजन

उत्त्तर प्रदेश,जनमुख न्यूज। अखंड सौभाग्यवती के लिए रविवार को महिलाएं कार्तिक कृष्ण की चतुर्थी यानी की रविवार २० अक्टूबर को करवाचौथ का व्रत रहेंगी। दांपत्य जीवन को खुशहाल व पति की लंबी उम्र के लिए करवाचौथ का व्रत चंद्रमा के सबसे प्रिय रोहणी नक्षत्र के संयोग में मनाया जाएगा।मान्यता है कि इस नक्षत्र में चंद्रमा सबसे प्रसन्न मुद्रा (उच्च श्रेणी) का माना गया है। रोहिणी नक्षत्र में पूजा करने से सुहागिनों का दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा। यह संयोग दो साल बाद बन रहा है। ज्योतिषियों की माने तो वर्ष २०२२ में रोहिणी नक्षत्र में करवाचौथ व्रत संपन्न हुआ था, जबकि २०२३ में करवाचौथ की पूजा मृगसिरा नक्षत्र में हुई थी।ज्योतिषाचार्य मनोज द्विवेदी की मानें तो रोहिणी नक्षत्र रविवार सुबह ८:३२ बजे लगेगा और २१ अक्टूबर की सुबह ६:५१ बजे तक रहेगा। मान्यता है कि चंद्रमा के २७ नक्षत्रों में रोहिणी नक्षत्र सबसे प्रिय नक्षत्र माना जाता है। यह नक्षत्र वृषभ राशि के अंतर्गत आता है।वृषभ राशि का स्वामी शुक्र है।दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाने के लिए शुक्र गृह लाभदायक है। जिसके कारण दांपत्य जीवन संपन्न बना रहता है।ज्योतिषाचार्य के मुताबिक रविवार को चंद्रोदय से पूर्व पूजन का सबसे शुभ मुहूर्त रविवार शाम ५:३० से ६:४५ तक रहेगा। इस समय के दौरान करवाचौथ की कथा व पूजन करना सर्वाधिक लाभदायक होगा।

