दिल्ली की वायु गुणवत्ता बहुत खराब

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज। राष्ट्रीय राजधानी में धुंध और वायु प्रदूषण से राहत मिलने के आसार नहीं दे रहे है। हर दिन वायु प्रदूषण की स्थिति और गंभीर होती जा रही है। बुधवार को भी दिल्ली वासियों को प्रदूषण से राहत नहीं मिली है। यहां धुंध की मोटी चादर छाई रही। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ३५४ दर्ज किया गया जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहा है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने प्रदूषण विरोधी योजना जीआरएपी के दूसरे चरण को लागू किया है। वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली (सफर) द्वारा उपलब्ध कराए गए वास्तविक समय वायु गुणवत्ता आंकड़ों के अनुसार, सुबह ७ बजे के आसपास वायु गुणवत्ता सूचकांक ३५४ दर्ज किया गया।लोधी रोड पर रहने वाले एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा पिछले दो दिनों में प्रदूषण और बढ़ गया है। हमें कई बार सुबह की सैर भी छोड़नी पड़ रही है। सांस लेने में दिक्कत होना आम बात हो गई है। इसे रोकना जरूरी है और बीमारियों के बढ़ने से पहले एहतियाती कदम उठाने की जरूरत है पराली जलाना इसकी वजह है, वाहनों से होने वाला प्रदूषण भी इसकी वजह है। दिवाली के बाद स्थिति और खराब होगी।इंडिया गेट एरोसिटी, लोधी रोड, एम्स और अक्षरधाम मंदिर सहित राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में धुंध देखी गई। खराब वायु गुणवत्ता के कारण होने वाली समस्याओं के बारे में बताते हुए कर्तव्य पथ पर नियमित साइकिल चलाने वाले धर्मराज कहते हैं, ‘हम यहां रोजाना साइकिल चलाने आते हैं। लेकिन प्रदूषण के कारण हमें अब कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आज गला दुख रहा है। आंखों में जलन हो रही है। सीने में भी बेचैनी हो रही है सभी नेताओं और राजनीतिज्ञों को इस समस्या पर गौर करना होगा। उन्हें इसका समाधान निकालना होगा।पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार आईएमडी/आईआईटीएम द्वारा उपलब्ध कराए गए मौसम/मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता के लिए गतिशील मॉडल और पूर्वानुमानों के अनुसार, प्रतिकूल मौसम संबंधी और जलवायु परिस्थितियों के कारण आने वाले दिनों में दिल्ली का दैनिक औसत एक्यूआई ‘बहुत खराब’ श्रेणी (एक्यूआई ३०१-४००) में रहने की संभावना है।सीएक्यूएम की उप-समिति ने निर्णय लिया कि ‘बहुत खराब’ वायु गुणवत्ता के लिए जीआरएपी के चरण घ्घ् के तहत सभी कार्रवाइयों को एनसीआर में संबंधित एजेंसियों द्वारा लागू किया जाना चाहिए। यह वायु गुणवत्ता को और अधिक खराब होने से रोकने के लिए है।

