झारखंड चुनाव के बीच आया नया मुद्दा जेएमएम सरकार दे रही घुसपैठियों को शरण

नई दिल्ली,जनमुख न्यूज। झारखंड के आदिवासी इलाकों में जनसांख्यिकी के बदलने का मामला विवादों से घिरा रहा है। हाल के समय में इस मामले पर अधिक चिंता होने लगी है। वर्तमान की हेमंत सोरेन सरकार इस मामले पर संदिग्ध नीति का पालन कर रही है। ये ऐसा मुद्दा है जिसे लेकर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया है। इस हलफनामे के प्रति अदालत भी स्वयं आशंका व्यक्त कर चुकी है।इसी कड़ी में रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी बड़ा बयान दिया है। वो सीधे तौर पर जेएमएम को संदेहों के घेरे में लाने के लिए पर्याप्त है। अमित शाह का कहना है कि हेमंत सोरेन की सरकार घुसपैठियों को शह दे रही है। हमारी सरकार ने आने पर घुसपैठियों को बख्शा नहीं जाएगा। घुसपैठियों से कहूंगा की चैन की नींद लेने के उनके दिन अब गए।अनधिकृत घुसपैठियों के स्वागत में खड़ी है हेमंत सोरेन सरकार झारखंड में अवैध-घुसपैठियों के समर्थन के लिए जेएमएम सरकार पहली बार आलोचनाओं का शिकार नहीं हो रही है। आलोचकों का दावा रहा है कि मौजूदा प्रशासन जाने-अनजाने में अनधिकृत लोगों को यहां रहने की इजाजत देने में जुटा हुआ है। यह न सिर्फ कानून और व्यवस्था को जोखिम में डाल रहा है। बल्कि इससे यहां की संस्कृति भी प्रभावित हो रही है और खासतौर पर स्थानीय मतदाताओं के समीकरण में भी बदलाव आ रहा है।

