बांग्लादेश में दो और हिन्दू पूजारी गिरफ्तार

ढाका, जनमुख न्यूज़। अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) ने दावा किया है कि बांग्लादेश में हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और उन पर देशद्रोह का आरोप लगाए जाने के एक सप्ताह से भी कम समय बाद, दास के सहायक सहित दो और भिक्षुओं को देश में गिरफ्तार किया गया है।
दास, जो अल्पसंख्यकों पर कथित अत्याचारों की निंदा करने के लिए बांग्लादेश में कई रैलियां आयोजित कर रहे थे, सोमवार को कथित ‘देशद्रोह’ के में गिरफ्तार किया गया था। और उन्हें जमानत देने से इंकार कर दिया गया था। और चटगांव की अदालत ने देशद्रोह के एक मामले में जेल भेज दिया था ।
कुंडलिधाम मठ के प्रवक्ता कुशल बरुण चक्रवर्ती ने भी दावा किया कि हिंदू नेता और कुंडलिधाम मठ के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास के दो सहयोगियों आदिनाथ प्रभु और रंगनाथ दास को चटगांव शहर से गिरफ्तार किया गया है। दोनों जेल में बंद चिन्मय दास से मिलने पहुंच थे। हालांकि, पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
इस्कॉन ने चिन्मय दास के समर्थन में जारी किया बयान
इससे पहले, अंतरराष्ट्रीय कृष्ण चेतना सोसायटी (इस्कॉन) ने शुक्रवार को बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास प्रभु के समर्थन में एक बयान जारी किया। इसमें कहा कि इस्कॉन इस मामले में चिन्मय कृष्ण दास प्रभु के अधिकारों का समर्थन करता है। बयान में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस्कॉन ने कभी भी चिन्मय कृष्ण दास प्रभु से खुद को अलग नहीं किया है।
यह बयान संगठन की ओर से उस समय आया है, तब इस्कॉन बांग्लादेश ने गुरुवार को चिन्मय कृष्ण दास प्रभु से खुद को अलग कर लिया था। ढाका ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक, इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारू चंद्र दास ब्रह्मचारी ने कहा था कि चिन्मय कृष्ण दास के कृत्य संगठन का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं और उन्हें अनुशासनहीनता के कारण संगठन से हटा दिया गया था।
हालांकि, इस्कॉन ने अपने एक ताजा बयान में कहा कि वह चिन्मय कृष्ण दास से खुद को अलग नहीं कर रहे हैं, बल्कि यह स्पष्ट कर रहे हैं कि चिन्मय कृष्ण दास प्रभु सगंठन के आधिकारिक सदस्य नहीं थे।
इस्कॉन ने कहा, हमने हमेशा कहा है कि चिन्मय बांग्लादेश में इस्कॉन का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं, लेकिन हम उनके द्वारा (हिंदुओं के) अधिकारों और धार्मिक स्थलों की रक्षा के लिए किए गए आह्वान का समर्थन करते हैं। बयान में आगे कहा, हमने बस यही कहा है जो हमने पिछले महीनों से कहा है कि वह बांग्लादेश में इस्कॉन के आधिकारिक प्रतिनिधि नहीं हैं।

