लाल किला हमारे पुरखों का, सरकार ने कब्जा कर लिया, कोर्ट पहुंची मुगल परिवार की बहू

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज। उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने लाल किले पर कब्जे की मांग करने वाली एक महिला की याचिका को खारिज करने के एकल न्यायाधीश के आदेश को बरकरार रखा। याचिकाकर्ता सुल्ताना बेगम अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर-द्वितीय के परपोते की विधवा हैं, ऐसा दावा किया जा रहा है। यह अपील उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश के २०२१ के फैसले के खिलाफ दायर की गई थी, जिसने पहले उसकी याचिका खारिज कर दी थी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभू बाखरू और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने २०२१ के फैसले के खिलाफ याचिका दायर करने में ढाई साल की लंबी देरी का हवाला देते हुए अपील खारिज कर दी। एकल न्यायाधीश ने भी देरी का हवाला देते हुए याचिका खारिज कर दी थी, क्योंकि किले पर बहुत पहले ही अंग्रेजों ने कब्जा कर लिया था। सुल्ताना बेगम ने दावा किया कि १८५७ में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने लाल किले का कब्जा उनसे जबरन छीन लिया था। याचिका में दावा किया गया था कि बेगम लाल किले की असली मालिक हैं, क्योंकि उन्हें यह संपत्ति अपने पूर्वज बहादुर शाह जफर द्वितीय से विरासत में मिली थी।

