बांग्लादेश मेंं हिंदुओं पर अत्याचार के मुद्दे पर, विपक्ष ने किया प्रदर्शन

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज। लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। लोकसभा के एजेंडे में कहा गया है कि संविधान (१२९वां संशोधन) विधेयक, २०२४ जिसे एक राष्ट्र-एक चुनाव विधेयक के रूप में जाना जाता है, इसे केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल पेश करेंगे। इसके साथ ही राज्यसभा में ‘संविधान पर चर्चा’ जारी है।नड्डा ने कांग्रेस को आईना दिखाते हुए कहा कि जब देश में आपातकाल लगाया गया था, तब देश को कोई खतरा नहीं था बल्कि कुर्सी को खतरा था। आपातकाल के दौरान मीसा कानून के तहत हजारों लोगों को जेल में डाला गया। मीसा कानून का जिक्र कर नड्डा ने मीसा भारती का नाम रखने की वजह भी बताई। नड्डा ने विपक्ष के मीडिया का गला घोंटने के आरोपों पर कहा कि कांग्रेस सरकारों में मीडिया का किस तरह गला घोंटा गया कि इसके विरोध में अखबारों के पन्ने खाली छोड़ दिए गए थे।
अनुच्छेद ३७० के मुद्दे पर नड्डा ने कांग्रेस को घेरा
राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान जेपी नड्डा ने कहा कि अनुच्छेद ३७० के तहत धारा ३५ए बिना संसद की मंजूरी के जोड़ी गई। ३५ए ही यह तय करता है कि जम्मू कश्मीर का नागिरक कौन होगा। नड्डा ने कहा कि देश के कई कानून जम्मू कश्मीर में लागू ही नहीं होते थे। देश में दो विधान, दो प्रधान और दो निशान हो गए थे। नड्डा ने कहा कि बंटवारे के बाद पाकिस्तान से आए कई लोग इस देश में प्रधानमंत्री बने, लेकिन जम्मू कश्मीर में ऐसे लोग पंचायत के अध्यक्ष तक नहीं बन सकते थे। जम्मू कश्मीर में पंजाब से सफाई कर्मचारी लाए गए थे और अनुच्छेद ३७० के चलते उन सफाई कर्मचारियों के बच्चे सिर्फ सफाई कर्मचारी की नौकरी कर सकते थे न वो डॉक्टर बन सकते थे और न ही इंजीनियर। आज प्रधानमंत्री मोदी की वजह से जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन गया है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर के अंदर विरोध प्रदर्शन किया।

