क्या आप जानते हैं अगरबत्ती जलाने का सही नियम!

पूजा के दौरान अक्सर लोग ज्योति और धूप जलाते हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने से देवी देवता प्रसन्न होते हैं। लेकिन आजकल कई घरों में लोग अगरबत्ती का इस्तेमाल करने लगे हैं। इसकी सुंदर खूशबू हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है। इसी के चलते लोग में धूप की जगह अगरबत्ती का प्रयोग करने लगे हैं। कुछ लोगों का कहना है अगरबत्ती जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सुख-शांति आती है। हालांकि वास्तु शास्त्र के अनुसार, हफ्ते में दो दिन ऐसे होते हैं जब अगरबत्ती नहीं जलानी चाहिए। मान्यता है कि हफ्ते में इन दो दिनों में पूजा के दौरान अगरबत्ती जलाने से घर आर्थिक स्थिति बिगड़े की संभावना बढ़ जाती है और पितृ दोष भी लगता है। तो आइए जानते हैं कि कौन से दिन अगरबत्ती नहीं जलानी चाहिए।
शास्त्रों में तो अगरबत्ती जलाने का कोई विधान नहीं, लेकिन फिर भी कुछ लोग इसे जलाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, रविवार और मंगलवार को अगरबत्ती बिल्कुल नहीं जलानी चाहिए। दरअसल अगरबत्ती बनाने में बांस का उपयोग किया जाता है और इन दोनों दिन बांस को जलाना बेहद अशुभ माना जाता है।
जैसे कि वास्तु शास्त्र में बांस को बहुत शुभ माना जाता है। कहते हैं बांस का पौधा जिस घर में होता है उस घर का भाग्य चमक जाता है। वहीं अगर बांस से बनी अगरबत्ती घर में जलाते हैं तो इससे घर में निगेटिविटी आती है। जिससे मानसिक और आर्थिक नुकसान होता है। इससे परिवार के सदस्यों के बीच तनाव बना रहता है।
शास्त्रों में बांस को वंश का प्रतीक मानते हैं। इसलिए इसे जलाने से भाग्य और वंश हानि होती है। हिन्दू धर्म में बांस से बनी अगरबत्तियों को जलाने की मनाही है।
हिंदू धर्म में बांस का उपयोग अर्थी बनाने में भी किया जाता है लेकिन अंतिम संस्कार के दौरान इसे चिता से हटा दिया जाता है। इसीलिए बांस से बनी अगरबत्तियों को जलाना भी शुभ नहीं माना जाता।
हिंदू धर्म में कई मांगलिक कार्य के दौरान बांस की पूजा की जाती है। शादियों में में तो बांस से मंडप तैयार किया जाता है।इसलिए से बनी अगरबत्तियों को जलाना शुभ नहीं होता।
पूजा में अगरबत्ती की जगह आप धूपबत्ती का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे परिवार में सुख-शांति भी बनी रहती है और भगवान भी प्रसन्न होते हैं।

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