चंडीगढ़ मेयर चुनाव में ‘आप’ को झटका, बीजेपी की हरप्रीत बनी मेयर, कांग्रेस को डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर पद पर मिली जीत

चण्डीगढ़, जनमुख न्यूज। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी को झटा लगा है। क्रॉस वोटिंग के चलते आप प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा है। इसके साथ ही भाजपा की हरप्रीत कौर बबला चंडीगढ़ की नई मेयर बन गई हैं। डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर पद पर कांग्रेस जीत हासिल करने में सफल रही है। सुबह ११ बजे निगम चुनाव के लिए मतदान शुरू हुआ। साढ़े १२ बजे परिणाम घोषित हुआ। आप ने मेयर पद के लिए अपनी पार्षद प्रेम लता को मैदान में उतारा था। भाजपा के पास १६ पार्षद थे, जबकि कांग्रेस के पास ६ और आम आदमी पार्टी (आप) के पास १३ पार्षद थे। इस चुनाव में पार्षदों के अलावा चंडीगढ़ से सांसद मनीष तिवारी को भी नगर निगम के मनोनीत सदस्य के तौर पर मतदान का अधिकार दिया गया।
इस चुनाव में आप- कांग्रेस गठबंधन को चौंकाते हुए भारतीय जनता पार्टी की हरप्रीत कौर बबला चंडीगढ़ मेयर चुनाव में विजयी रहीं। बबला १९ वोट हासिल कर शहर की नई मेयर बनीं हैं। यह जीत क्रॉस-वोटिंग के बाद आई, जिसने बबला को आप-कांग्रेस गठबंधन से आगे निकलने में मदद की, जो केवल १७ वोट हासिल करने में कामयाब रहा। डिप्टी मेयर के पद पर भी कांग्रेस ने बाजी मारी है। तरुणा मेहता ने जीत दर्ज की है। उन्हें १९ वोट मिले हैं, जबकि भाजपा के लखबीर सिंह बिल्लू को १७ वोट मिले हैं। इसमें आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के एक पार्षद ने वोट क्रॉस किया है।
इसके साथ ही कांग्रेस के जसबीर बंटी ने सीनियर डिप्टी मेयर पद पर बाजी मार ली है। इसमें भी एक वोट क्रॉस हुआ है लेकिन कांग्रेस के उम्मीदवार ने जीत दर्ज कर ली है। आप और कांग्रेस ने गठबंधन के तौर पर मेयर का चुनाव लड़ा था। जहां आप ने मेयर पद के लिए चुनाव लड़ा, वहीं कांग्रेस ने क्रमशः वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर पद के लिए अपने उम्मीदवार जसबीर सिंह बंटी और तरुणा मेहता को खड़ा किया है। आप ने मेयर पद के लिए अपनी पार्षद प्रेम लता को मैदान में उतारा था। भाजपा के पास १६ पार्षद थे, जबकि कांग्रेस के पास ६ और आम आदमी पार्टी (आप) के पास १३ पार्षद थे। सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय से न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जयश्री ठाकुर को एक स्वतंत्र पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया था। ऐसा चुनाव से जुड़े पिछले विवादों के जवाब में किया गया था। शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया था कि चुनाव कार्यवाही पर्यवेक्षक की उपस्थिति में आयोजित की जाए और आगे की जवाबदेही के लिए चुनाव प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाए।
मालूम हो कि २०२४ के मेयर चुनाव में, चुनाव के नतीजे को पलटने के बाद, जिसमें भाजपा उम्मीदवार को विजेता घोषित किया गया था, पिछले साल २० फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने आप के कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ एमसी का मेयर घोषित किया था। तत्कालीन पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को आप-कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में आठ मतपत्रों को अमान्य करते हुए कैमरे पर पकड़ा गया था।

