सन्यासिनी बनने वाली 13 साल की बालिका अखाड़े से निष्कासित, दीक्षा देने वाले गुरु पर भी हुई कार्रवाई

प्रयागराज, जनमुख न्यूज़। हाल ही में सन्यासिनी बन कर जूना अखाड़े में शामिल हुई 13 वर्षीय बालिका को अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है, साथी बालिका को दीक्षा देने वाले गुरु महंत कौशल गिरी को भी 7 वर्षों के लिए अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है।
जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरी ने शनिवार को जानकारी देते हुए बताया कि अखाड़े के नियमों के अनुसार 25 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं को अखाड़े में प्रवेश नहीं दिया जाता है। इस मुद्दे पर शुक्रवार को जूना अखाड़े की आम बैठक में गहन विचार विमर्श किया गया जिसके बाद लड़की को अखाड़े से निष्कासित करने का सर्वसमिति से निर्णय लिया गया। लड़की का अखाड़े में प्रवेश रद्द करते हुए उसको उसके माता-पिता को सौंप दिया गया है। इसके साथ ही नाबालिक लड़की को अखाड़े में प्रवेश देने के लिए महंत कौशल गिरी महाराज को भी 7 वर्षों के लिए अखाड़ा परिषद से निष्कासित करने का निर्णय किया गया है।
शुक्रवार को जूना अखाड़ा के संरक्षक महंत हरी गिरी, अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरी और अन्य वरिष्ठ संतों ने बैठक में भाग लिया. बैठक के दौरान संतों ने महंत कुशाल गिरी के प्रति लोगों ने नाराजगी जाहिर की जिन्होंने अखाड़े को बिना सूचित किए नाबालिक बच्ची को दीक्षा दी।
नाबालिक बच्ची को दीक्षा देने का मामला देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ था लोग अपने नाराजगी भी जाहिर कर रहे थे तो वहीं कुछ लोग बच्ची की धार्मिक आस्था को भी सराह रहे थे। इस मुद्दे पर विवाद बढ़ने के बाद कल जूना अखड़ा परिषद की अहम बैठक बुलाई गई थी।

