13 महीने बाद शंभू और खनौरी बार्डर पुलिस ने किसानों से खाली कराया

चण्डीगढ़, जनमुख न्यूज़। पंजाब पुलिस ने बुधवार रात को शंभू और खनौरी सीमा स्थलों को किसानों से खाली करा लिया, जहां पिछले साल फरवरी से किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, आंदोलन का नेतृत्व कर रहे दो नेताओं को दिन में हिरासत में लिया गया। जबकि खनौरी सीमा पर 700 किसानों को हिरासत में लिया गया है, जबकि शंभू सीमा पर लगभग 300 किसान मौजूद हैं, जिन्हें जल्द ही हिरासत में लिया जा सकता है। किसानों और पुलिस के बीच झड़प के बाद, खनौरी सीमा और आसपास के संगरूर और पटियाला जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। दोबारा किसानों के एकत्रित होने से रोकने के लिए पंजाब के कई दूसरे इलाकों में भी इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
पुलिस ने सबसे पहले किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के नेता सरवन सिंह पंढेर और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह ढल्लेवाल को केंद्र के साथ बातचीत के बाद क्रमशः शंभू और खनौरी लौटते समय हिरासत में लिया और आगे की कार्रवाई शुरू की।
देर रात तक खनौरी और शंभू बॉर्डर पर बैठे सभी किसानों को हिरासत में ले लिया गया था। अधिकारियों ने दोनों तरफ के हाईवे पर बिजली आपूर्ति बंद कर दी और पुलिस ने ऑपरेशन के लिए मशालों का इस्तेमाल किया। खनौरी बॉर्डर पर अपनी फोर्स के पहुंचने से पहले पटियाला के डीआईजी मनदीप सिंह सिद्धू ने किसानों से कहा कि वे खुद ही प्रदर्शनकारियों को ले जाने वाली बसों में चढ़ जाएं। उन्होंने अपील की , “हमारी संख्या 3,000 से ज़्यादा है और आपकी संख्या सिर्फ़ कुछ सौ है। हम साइट खाली कर देंगे, चाहे कुछ भी हो जाए।
सूत्रों ने बताया कि विरोध प्रदर्शन के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय आखिरकार तब लिया गया जब आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल , जो पंजाब में हैं, को लुधियाना के व्यापारियों से फीडबैक मिला कि अगर किसानों द्वारा की जा रही नाकेबंदी समाप्त नहीं की गई, जिससे व्यापार प्रभावित हो रहा है, तो पार्टी को आगामी लुधियाना पश्चिम विधानसभा उपचुनाव में उनके वोट नहीं मिलेंगे।
सरकार ने कथित तौर पर पिछले दो दिनों में एक कार्य योजना तैयार की है, और बुधवार को चंडीगढ़ में बैठक स्थल से निकलने के समय से ही पुलिस ने दोनों किसान नेताओं का पीछा किया। अधिकारी दोनों को विरोध स्थल से नहीं उठाना चाहते थे क्योंकि इससे परेशानी हो सकती थी।

