अमेरिका ने भारत के निर्यात पर 50% टैरिफ लगाया, 66% निर्यात पर पड़ सकता है असर

नई दिल्ली, जनमुख न्यूज़। भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर अब बड़ा झटका लगने वाला है। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, बुधवार से भारत के चुनिंदा उत्पादों पर 50% टैरिफ लागू हो गया है। इस फैसले से अमेरिका को होने वाले भारत के 48 अरब डॉलर से अधिक के निर्यात पर सीधा असर पड़ेगा।
आदेश के मुताबिक, यह बढ़ा हुआ शुल्क उन भारतीय उत्पादों पर लागू होगा, जो 27 अगस्त की रात 12:01 बजे (अमेरिकी समयानुसार) या उसके बाद उपभोग के लिए अमेरिका में प्रवेश करेंगे या गोदाम से बाहर निकाले जाएंगे। इसका असर उन वस्तुओं पर भी पड़ेगा जो पहले ही अमेरिका पहुंच चुकी हैं, लेकिन अब तक उपभोग के लिए मंजूर नहीं हुई हैं।
दरअसल, 25% टैरिफ पहले से 7 अगस्त से लागू है, जबकि अतिरिक्त 25% शुल्क (कुल 50%) रूस से तेल खरीदने के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगाया है। ट्रंप प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह आदेश पूरी तरह भारत पर केंद्रित है। हैरानी की बात है कि इसमें चीन का कोई जिक्र नहीं है, जबकि वह रूस से तेल का सबसे बड़ा खरीदार है।
भारत के अलावा ब्राजील एकमात्र ऐसा साझेदार है जिस पर इतना भारी टैरिफ लगाया गया है। भारत ने इस कदम को अनुचित और अविवेकपूर्ण करार दिया है। वहीं, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि ट्रंप का यह फैसला रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने के प्रयासों का हिस्सा है। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भारत पर रूसी तेल बेचकर मुनाफाखोरी का आरोप भी लगाया।
हालांकि, अमेरिकी आदेश में छूट का प्रावधान भी है। जिन भारतीय उत्पादों को 27 अगस्त से पहले जहाज पर लोड कर अमेरिका भेजा जा चुका है या 17 सितंबर से पहले उपभोग के लिए गोदाम से बाहर निकाल लिया जाएगा, उन पर यह टैरिफ लागू नहीं होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले से रत्न-आभूषण, वस्त्र-परिधान, मशीनरी, चमड़ा और रसायन उद्योग पर भारी असर पड़ सकता है। उत्पादन में कमी के चलते इन क्षेत्रों में नौकरियों पर भी संकट गहराएगा।
भारत के प्रतिस्पर्धी देश जैसे म्यांमार (40%), थाईलैंड-कंबोडिया (36%), बांग्लादेश (35%), इंडोनेशिया (32%), चीन-श्रीलंका (30%) और वियतनाम (20%) पर कम टैरिफ लगने से उनके उत्पाद अमेरिकी बाजार में ज्यादा सस्ते मिलेंगे, जिससे भारत की स्थिति कमजोर होगी।
विश्लेषकों के अनुसार, भारत को अब यूरोप, दक्षिण-पूर्व एशिया और अफ्रीका जैसे बाजारों में निर्यात बढ़ाने के विकल्प तलाशने होंगे। वहीं, अगर अमेरिका से सहमति नहीं बनती है तो भारत भी अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा सकता है।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (GTRI) का अनुमान है कि ट्रंप के इस फैसले से भारत का 66% निर्यात प्रभावित हो सकता है।

